वनकर्मी से 25 लाख की ऑनलाइन ठगी मामले में 3 आरोपी दिल्ली से दबोचे गए

Chhattisgarh Crimes

बिलासपुर। बीमा क्लेम दिलाने के नाम पर वनकर्मी से की गई 25 लाख की ऑनलाइन ठगी मामले में सिविल लाइन पुलिस द्वारा 3 आरोपी दिल्ली से दबोच लिए गए आरोपियों से कम्प्यूटर के CPU, स्कैनर, 15 चेक बुक, पांच पासबुक और मोबाइल पुलिस ने जब्त किया है ठगी गई रकम आरोपियों से बरामद नही हो पाई पुलिस आरोपियों के बैंक अकाउंट को फ्रिज कर विस्तृत जांच कार्यवाही में जुटी हुई है ।

मिली जानकारी के अनुसार सिविल लाइन थाना क्षेत्र के मगरपारा निवासी विनोद कुमार ध्रुव (52) वन विभाग में कर्मचारी हैं। उनके मोबाइल पर 4 नवंबर 2021 को अनजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि वह बीमा कंपनी का अधिकारी है। उन्होंने जो बीमा कराया है, उसकी प्रीमियम और मेच्यूरिटी की राशि 80 लाख रुपए आया है और उनकी पत्नी के नाम से भी बीमा राशि डेढ़ लाख रुपए आया है। बीमा राशि मिलने की बात सुनकर वन कर्मी लालच में आकर ठग की बातों में फंस गए और राशि पाने का तरीका पूछा।

वनकर्मी ने पुलिस को बताया कि फोन करने वाले कथित बीमा कंपनी के अधिकारी ने पहले उन्हें 30 हजार रुपए RTGS कराया। इसके बाद सर्विस टैक्स, इनकम टैक्स सहित अलग-अलग शुल्क बताकर अलग-अलग बैंक अकाउंट में करीब 25 लाख रुपए जमा करा लिया। इतनी बड़ी राशि जमा करने के बाद भी उनसे अतिरिक्त रुपए जमा करने कहा गया, तब उन्हें ठगी का अहसास हुआ और थाने में केस दर्ज कराया। 2 जून को वनकर्मी विनोद ध्रुव की रिपोर्ट पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की। इस दौरान पुलिस की साइबर सेल की मदद से आरोपियों की जानकारी जुटाई गई। जांच में पता चला कि ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह के सदस्य दिल्ली में रहकर दूसरे प्रदेशों के लोगों को बीमा कंपनी का बोनस राशि दिलाने का झांसा देकर ठगी करते हैं। उनकी जानकारी मिलने के बाद पुलिस की टीम ने दिल्ली में उनके ठिकानों पर दबिश दी।

इस दौरान पुलिस ने दिल्ली के रोहिणी से आरोपी शाहबाज आलम पिता मो. इशा (30 साल), प्रिंस कुमार सिंह पिता सुरेंद्र (22 साल) और अर्पित कुमार श्रीवास्तव पिता अरुण (25 साल) को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों से कम्प्यूटर के CPU, स्कैनर, 15 चेक बुक, पांच पासबुक और मोबाइल वगैरह जब्त किया है। जांच में आरोपियों से ठगी की रकम बरामद नहीं हो सका है थाना प्रभारी परिवेश तिवारी ने आरोपियों के विभिन्न बैंक अकाउंट को होल्ड करा दिया है। ताकि उसमें जमा रकम को पीड़ित वनकर्मी को मुहैया कराई जा सके ।

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