नई दिल्ली। वैक्सीन की किल्लत दूर करने के लिए सरकार ने मंगलवार को बड़ा फैसला लिया है। जिन वैक्सीन को यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन, यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी, ब्रिटेन, PMDA, MHRA और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है, उन्हें भारत में भी मंजूरी दी जाएगी। इससे पहले रूस की स्पुतिनक-V को भी देश में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी जा चुकी है।
एक दिन पहले देश को मिली तीसरी वैक्सीन
सोमवार को एक्सपर्ट कमेटी ने रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-V के इमरजेंसी यूज को मंजूरी दे दी थी। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने भी इसे मंजूरी दे दी है। भारत के कोरोना टीकाकरण अभियान में शामिल होने वाली तीसरी वैक्सीन बन गई है। इस बीच, रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (RDIF) ने कहा कि भारत दुनिया का 60वां देश है, जिसने स्पुतनिक-V के इमरजेंसी यूज को मंजूरी दी है।
16 जनवरी को टीकाकरण शुरू हुआ था
भारत में 16 जनवरी को टीकाकरण शुरू हुआ था और इसके लिए इसी साल की शुरुआत में कोवीशील्ड और कोवैक्सिन को मंजूर किया गया था। कोवीशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने मिलकर बनाया है। भारत में पुणे का सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) इसका प्रोडक्शन कर रहा है। कोवैक्सिन को भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के साथ मिलकर बनाया है।