प्रदर्शनकारियों ने रजिस्ट्रार दफ्तर में बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया। पुलिस अफसरों की मौजूदगी में कुलपति प्रो. आलोक चक्रवाल ने छात्र नेताओं से मुलाकात की। इसके बाद NSS को भंग करते हुए सभी 12 कोऑर्डिनेटर को हटाने का आदेश जारी किया।
छात्र नेता बोले, कुलपति माफी मांगे प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सनातन संस्कृति को ठेस पहुंचाना निंदनीय है। इस घटना में शामिल सभी शिक्षकों को विश्वविद्यालय से बाहर किया जाए और कुलपति सार्वजनिक रूप से माफी मांगे। विरोध-प्रदर्शन के दौरान छात्रों की भीड़ रजिस्ट्रार दफ्तर में पहुंच गई।
इस दौरान उन्होंने रजिस्ट्रार कक्ष में हनुमान चालीसा का पाठ किया। साथ ही कहा गया कि, भविष्य में किसी धार्मिक गतिविधि को शिविरों में स्थान नहीं दिया जाए। इसे लेकर दिनभर विश्वविद्यालय में माहौल गरमाया रहा।
48 घंटे में रिपोर्ट देगी कमेटी आखिरकार, छात्र नेताओं की मांग पर कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल को अपने ऑफिस से बाहर निकलना पड़ा। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। इसके बाद छात्रों को भरोसा दिलाया कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जा रही है।
जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। छात्रों की मांग पर उन्होंने तत्काल प्रभाव से NSS इकाई को भंग करते हुए सभी 12 कार्यक्रम अधिकारियों को उनके पद से हटा दिया है। साथ ही भरोसा दिलाया है कि फैक्ट फाइंडिंग कमेटी 48 घंटे के भीतर अपना रिपोर्ट देगी।
नए कार्यक्रम समन्वयक ने छात्रों को बयान के लिए बुलाया मामला उजागर होने के बाद कुलपति प्रो.चक्रवाल ने निर्देश पर कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। गुरुवार को कमेटी NSS कैंप में शामिल होने वाले 159 स्टूडेंट्स का बयान दर्ज करेगी। इसके लिए नए समन्वयक प्रो. राजेंद्र मेहता ने सभी छात्रों को पूछताछ के लिए यूनिवर्सिटी बुलाया है।
हालांकि इस पर भी ABVP के छात्र नेताओं ने आरोप लगाया है कि, कैंप में शामिल मुस्लिम छात्रों से उन्हें फोन कराया जा रहा है, इससे जांच प्रभावित हो सकती है।
चार छात्रों के अलावा कोई नहीं विवाद के बीच अब तक 4 छात्रों के अलावा 155 छात्रों में कोई भी छात्र मामले में सामने नहीं आया है। बुधवार को भी लगातार अधिकारी और कोनी पुलिस प्रयास कर रही थी कि कोई सामने आएगा, लेकिन किसी का बयान नहीं आया है। इस पर छात्र नेताओं का आरोप है कि शिक्षकों की ओर से दबाव बनाया गया होगा।
मंगलवार को क्या हुआ?
इससे पहले मंगलवार को भी प्रदर्शन हुए। गुस्साए छात्र-छात्राओं ने प्रशासनिक भवन का घेराव करते हुए सनातन धर्म का अपमान बंद करो जैसे नारे लगाए। प्रदर्शन के दौरान हालात इतने बिगड़ गए कि प्रदर्शनकारियों से पुलिस की झूमाझटकी तक हो गई। हालांकि, बाद में यूनिवर्सिटी परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील करना पड़ा।
बुधवार को हुए प्रदर्शन में प्रदेश सह-मंत्री हेमांशु कौशिक, महानगर मंत्री जितेन्द्र साहू, विभाग संगठन मंत्री अमित कुमार समेत कई छात्र नेता शामिल रहे।