अब रिटायर्ड जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी विपक्ष की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। उनके नाम की घोषणा होते ही सलवा जुडूम अभियान फिर चर्चा में हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 2011 में जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी के फैसले ने सलवा जुडूम को बंद कराकर नक्सलवाद को बढ़ावा दिया।
शाह ने 22 अगस्त को केरल में बयान दिया कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज सुदर्शन रेड्डी वही व्यक्ति हैं, जिन्होंने नक्सलवाद की मदद की। उन्होंने सलवा जुडूम पर फैसला सुनाया। अगर यह फैसला नहीं आता तो नक्सली चरमपंथ 2020 तक खत्म हो गया होता। वहीं शाह के बयान का विरोध करने वाले पूर्व न्यायाधीश दो फाड़ हो गए हैं। 56 पूर्व न्यायाधीशों ने एक बयान जारी कर राजनीतिक घटनाक्रम पर पूर्व न्यायाधीशों के एक समूह द्वारा प्रतिक्रिया देने की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि न्यायाधीशों को राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप में नहीं पड़ना चाहिए।