ये जवान अलग-अलग शिफ्ट में रावण की सुरक्षा कर रहे हैं। नेशनल क्लब के संस्थापक जी.स्वामी ने बताया कि रावण के निर्माण के समय से ही बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना जरूरी होता है। यही कारण है कि जवानों की ड्यूटी लगती है।
WRS मैदान में इस साल 110 फीट ऊंचे रावण का पुतला जलाया जाएगा। रावण दहन के बाद 30 मिनट तक आतिशबाजी होगी। बंगाल से टीम बुलाई गई है। मैदान रेलवे ट्रैक के पास होने के कारण सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। रेलवे ट्रैक के किनारे 200 से ज्यादा RPF, GRP और जिला पुलिस बल के जवान तैनात रहेंगे।
गुरुवार दोपहर 12 बजे से रात 10 बजे तक बिलासपुर और नागपुर से आने वाली ट्रेनें हॉर्न बजाते हुए 15-20 की स्पीड में गुजरेंगी। लोको पायलट जरूरत पड़ने पर गाड़ी को रोक भी कर सकता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल रामेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय होंगे।
110 फीट के दशानन
रायपुर के WRS का दशहरा प्रदेश भर में फेमस है। इस साल यहां 110 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। रावण के साथ मेघनाथ, कुंभकर्ण के पुतले बनाए जाते हैं। दशहरा आयोजन में रावण का पुतला बनाने में करीब 1 महीना लगता है। कॉलोनी के आसपास रहने वाले युवकों की टीम इसे तैयार करती है।
30 मिनट तक होगी आतिशबाजी
WRS के मैदान में दशहरा आयोजन में आतिशबाजी बेहद खास होती है। रावण दहन के बाद यहां 30 मिनट तक आतिशबाजी होती है। पूरा आसमान पटाखों की रंगीनियों से सज उठता है। मैदान में भी अलग-अलग आकृतियों में सजाकर पटाखे जलाए जाते हैं।
अनार दानों की ऐसी लड़ी सजाई जाती है, जैसे लगता हो शोलों के झरने बरस रहे हो। इस बार बंगाल से आतिशबाजों की टीम बुलाई गई है। ये टीम इलेक्ट्रॉनिक ट्रिगर से मैदान में पटाखों को जलाएगी। लोगों को आतिशबाजी का मेगा शो देखने को मिलेगा।