पुलगांव थाना पुलिस ने खाद निरीक्षक, पर्यवेक्षक और चपरासी जैसे पदों पर नौकरी लगाने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले नेता समेत चार आरोपी को गिरफ्तार किया

Chhattisgarh Crimesपुलगांव थाना पुलिस ने खाद निरीक्षक, पर्यवेक्षक और चपरासी जैसे पदों पर नौकरी लगाने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले नेता समेत चार आरोपी को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि आरोपी एक पार्टी का नेता है। नेता ने अपनी पहुंच का रौब दिखाते हुए बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी का झांसा दिया और 8 लोगों से करी 22 लाख रुपए की ठगी की है।

वॉट्सअप पर भेजे फर्जी नियुक्ति पत्र, बार-बार बदलता था ज्वाइनिंग डेट पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने बेरोजगार युवाओं को वाट्सएप के माध्यम से फर्जी दस्तावेजों से फर्जी नियुक्ति पत्र बनाकर भेजते थे। नियुक्ति पत्र में जिस तारीख की ज्वाइनिंग डेट होती थी वे उसे ज्वाइनिंग डेट से कुछ दिन पहले बदल देते थे। ज्वाइनिंग डेट आगे बढ़ाने की वजह कभी कैबिनेट की बैठक, कभी आचार संहिता तो कभी राज्य में केंद्रीय मंत्रियों का दौरा जैसे बहाने बनाते थे। पुलिस ने गैंग के मास्टर माइंड समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

खाद निरीक्षक समेत पर्यवेक्षक, चपरासी जैसे पदों के लिए वसूले पैसे पुलिस ने बताया कि इस पूरे ठगी का मास्टरमाइंड मनोज साहू था। मनोज साहू ने नेता मुकेश वर्मा और उसके भांजे रजत वर्मा के साथ मिलकर बेरोजगार युवाओं को खाद निरीक्षक, पर्यवेक्षक, चपरासी जैसे पदों के लाखों रुपए की वसूली करते थे। पुलिस का कहना है कि किसी भी नियुक्ति प्रक्रिया में पैसे की मांग पूरी तरह अवैध है।

अपने ही गांव के युवा को बनाया शिकार, लिए 4 लाख रुपए महमरा निवासी दीपेश कुमार निषाद (26 वर्ष) ने 2 अक्टूबर को थाना पुलगांव (अंजोरा) में लिखित शिकायत दी थी। उन्होंने बताया कि गांव के ही मनोज साहू ने अपने साथी मुकेश वर्मा और भांजे रजत वर्मा के साथ मिलकर खाद निरीक्षक के पद पर नौकरी लगाने का झांसा दिया। आरोपियों ने चार लाख रुपए की मांग की, जिसमें से दीपेश ने दो लाख रुपए नगद और ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद उन्हें व्हाट्सएप पर फर्जी नियुक्ति आदेश भेजा गया। लेकिन जब नौकरी नहीं मिली और आरोपियों ने रकम भी वापस नहीं की, तब पीड़ित ने ठगी की शिकायत दर्ज कराई।

सेक्टर-6 के टाइपिंग सेंटर में होता था नियुक्ति पत्र टाइप पुलिस की जांच में सामने आया है कि फर्जी नौकरी के नाम पर झांसा देने के लिए पूरा रैकेट काम कर रहा था। इसमें लोगों को जानकारी देने का काम मनोज साहू कर रहा था। इसके बाद नेता मुकेश वर्मा और उसका भांजा रजत वर्मा अपनी पहुंच दिखाता था। झांसे में आने के बाद जब बेरोजगार युवा पैसे दे देते थे, उसके बाद उनका फर्जी ज्वाइनिंग लेटर सेक्टर-6 के ए मार्केट स्थित टाइपिंग सेंटर में टाइप किया जाता था। यह कार्य महेश हिरावं कर रहा था। ज्वाइनिंग लेटर में बार-बार डेट बदलने का काम भी महेश की जिम्मेदारी थी। 8 से अधिक लोगों से लिए पैसे जांच में खुलासा हुआ कि गिरोह ने अब तक आठ से अधिक आवेदकों से करीब 22 लाख रुपये ऐंठे थे। मनोज साहू इस रैकेट का मास्टरमाइंड था। वह लोगों को सरकारी नौकरी का लालच देता और फर्जी नियुक्ति पत्र थमा देता। फर्जी दस्तावेज तैयार कराने में भिलाई के महेश हिरावं, जो टाइपिंग सेंटर चलाता है, की बड़ी भूमिका थी। पुलिस ने जांच के दौरान आरोपियों को हिरासत में लिया। पूछताछ में उन्होंने जुर्म कबूल किया। उनके पास से फर्जी नियुक्ति पत्र, मोबाइल फोन और अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं।

दुर्ग-भिलाई के रहने वाले हैं आरोपी 1. मनोज कुमार साहू (40 वर्ष) – अंजोरा, पुलगांव दुर्ग 2. रजत वर्मा (25 वर्ष) – भिलाई नगर 3. मुकेश वर्मा (53 वर्ष) – भिलाई नगर 4. महेश हिरावं (63 वर्ष) – हरिनगर, मोहन नगर

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