
बिलासपुर में तीन साल पहले भी कांग्रेस नेता और हिस्ट्रीशीटर संजू त्रिपाठी की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 28 अक्टूबर की शाम हुई यह फायरिंग उसी वारदात की याद दिला रही है।
हमलावरों ने अंधाधुंध 13 से अधिक राउंड फायरिंग की, लेकिन निशाना चूक जाने से नीतेश सिंह बाल-बाल बच गए। माना जा रहा है कि यह हमला भी सुपारी किलिंग से जुड़ा हो सकता है। फिलहाल पुलिस को अभी तक हमलावरों का कोई सुराग नहीं मिला है।
वहीं दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि नीतेश सिंह को उनके करीबी बदमाशों ने एक हफ्ते पहले ही चेतावनी दी थी कि उन्हें निशाना बनाने की तैयारी चल रही है, लेकिन उन्होंने उसे गंभीरता से नहीं लिया। रिटर्न फायर करने पर भाग निकले शूटर
दरअसल, मस्तूरी जनपद उपाध्यक्ष नीतेश सिंह के कार्यालय में मंगलवार (28 अक्टूबर) की देर शाम नकाबपोश शूटरों ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं। इस फायरिंग के दौरान मौके पर मौजूद मुड़पार के पूर्व सरपंच चंद्रकांत सिंह के हाथ और एक अन्य रिश्तेदार राजकुमार सिंह उर्फ ‘राजू सिंह’ के पैर में दो गोलियां लगीं। वहीं एक गोली पीठ को छूकर निकल गई।
बचाव में जब नीतेश ने रिटर्न फायर किया, तो शूटर भाग निकले। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। इसके बाद घायल चंद्रकांत सिंह (55) और राजू सिंह (45) को अपोलो अस्पताल ले जाया गया। चंद्रकांत के हाथ से गोली पार हो चुकी थी, जबकि डॉक्टरों ने राजू के पैर में फंसी दो गोलियां निकाल दीं।