छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में कियोस्क शाखा चलाने वाले एक संचालक ने महिला के खाते से 4 लाख 62 हजार 500 रुपए की धोखाधड़ी कर ली

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में कियोस्क शाखा चलाने वाले एक संचालक ने महिला के खाते से 4 लाख 62 हजार 500 रुपए की धोखाधड़ी कर ली। आरोपी ने महिला से दो बार अंगूठा लगवाकर रकम अपने खाते में ट्रांसफर कर ली। घटना उजागर होने पर शाखा बंद कर फरार हो गया। पीड़िता ने मामले की रिपोर्ट तमनार थाने में दर्ज कराई है। दरअसल, ग्राम सक्ता निवासी सत्यभामा सिदार (30) की मां रूपवती सिदार को भू-अर्जन मुआवजे के रूप में करीब 54 लाख रुपए कंपनी से मिले थे। रूपवती ने इनमें से 15 लाख रुपए अपनी बेटी सत्यभामा के खाते में ट्रांसफर कर दिए थे।

 

कियोस्क संचालक ने अंगूठा लगवाकर किया ट्रांजेक्शन

 

गांव मिलूपारा निवासी नरेंद्र बेहरा, जो छिरवानी में कियोस्क शाखा चलाता था। सत्यभामा के बैंक लेनदेन का काम करता था। हर बार रुपए निकालते समय वह सत्यभामा से दो बार अंगूठा लगवाता। जबकि एक बार में ही निकासी पूरी हो जाती थी। इसी का फायदा उठाकर उसने अपने खाते में गुपचुप तरीके से रुपए ट्रांसफर कर लिए।

 

लेनदेन की तारीखें

 

17 सितंबर 2020 — ₹3,00,000

28 सितंबर 2020 — ₹1,50,000

6 दिसंबर 2020 — ₹12,500

कुल रकम: ₹4,62,500 खाते की जांच में खुलासा

 

सत्यभामा ने जब खाते की एंट्री और ट्रांजेक्शन हिस्ट्री देखी, तो उसे धोखाधड़ी का पता चला। उसने नरेंद्र बेहरा से रुपए लौटाने की मांग की, लेकिन उसने राशि वापस करने से इनकार कर दिया। इसके अलावा, आरोपी ने सत्यभामा के बड़े पिता रामसिंह सिदार और बड़े भाई हलधर सिदार को शराब पिलाकर उनके खातों से भी रुपए निकाल लिए।

 

शाखा बंद कर फरार हुआ आरोपी

 

जब पीड़ित परिवार को पूरी सच्चाई का पता चला, तो वे आरोपी के पास पहुंचे, लेकिन उसने शाखा बंद कर दी और फरार हो गया।काफी खोजबीन के बाद भी उसका कोई पता नहीं चला।

 

पुलिस ने दर्ज किया मामला

 

इस मामले में सत्यभामा सिदार ने रविवार को तमनार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी नरेंद्र बेहरा के खिलाफ धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात) और धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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