छत्तीसगढ़ में जन्मी दुनिया की सबसे छोटी गाय पुंगनूर

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में पहली बार पुंगनूर नस्ल की मादा बछिया का जन्म हुआ है। यह बछिया कृत्रिम गर्भाधान (AI) से हुई है। पुंगनूर नस्ल की गाय को दुनिया की सबसे छोटी गाय के रूप में जाना जाता है। इसकी औसत ऊंचाई 70 से 90 सेंटीमीटर (लगभग 24 इंच) और वजन 110 से 200 किलोग्राम होता है।

पशुपालकों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यहां छोटी-छोटी गायें देखने के बाद उन्होंने भी पुंगनूर नस्ल की गाय पालने की मांग की थी। इस नस्ल का दूध लगभग 2000 रुपए प्रति लीटर और घी 12 हजार रुपए प्रति किलो बिकता है।

पीएम मोदी का वीडियो का देख पुंगनूर नस्ल की गाय की डिमांड की

दरअसल, गोढ़ीकला और ग्राम करमीटिकरा–करूमहुआ के खगेश्वर यादव पशुपालक हैं। उन्होंने गाय और बकरियां पाल रखी हैं। खगेश्वर के यहां एक गाय ने 11 नवंबर 2025 पुंगनूर नस्ल की मादा बछिया को जन्म दिया। खगेश्वर ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के यहां छोटी-छोटी नस्ल की गायों का वीडियो देखा था। जिसके बाद उन्होंने इस नस्ल की गाय को अपने गांव में पालने का मन बनाया।

उन्होंने इसके लिए पत्थलगांव पशु चिकित्सालय के पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी केके पटेल से मुलाकात की। पशुपालक ने पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी से बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यहां छोटी-छोटी नस्ल की गायों का वीडियो देखा था।

वो चाहते हैं कि वो भी इस छोटी नस्ल की गायों को पाले। उन्होंने पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी से कहा, ऐसी गाय हमारी गांव में भी होनी चाहिए।

कृत्रिम गर्भाधान से कराया पुंगनूर नस्ल की बछिया का जन्म

पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी केके पटेल ने बताया कि गांव के पशुपालकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यहां छोटी-छोटी नस्ल की गायों की वीडियो देखे थे। पशुपालकों ने कहा कि ऐसी गायें हमें भी मिलनी चाहिए।

पशुपालकों की मांग पर जब प्रयास किए गए तो पता चला कि यह नस्ल मुख्य रूप से तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में पाई जाती है। इसे सीधे लाना महंगा पड़ता। इसलिए नई तकनीक, यानी कृत्रिम गर्भाधान का तरीका अपनाया गया।

इसके लिए एक निजी संस्था से पुंगनूर नस्ल के सांड का सीमेन लिया गया। इसी सीमेन से कृत्रिम गर्भाधान करके पुंगनूर नस्ल की बछिया का जन्म हुआ।

उन्होंने बताया कि कृत्रिम गर्भाधान 29 जनवरी 2025 को कराया गया था। लगभग 284 दिनों के गर्भकाल के बाद 11 नवंबर 2025 की सुबह गाय ने एक पूरी तरह स्वस्थ पुंगनूर नस्ल की मादा बछिया को जन्म दिया।

पुंगनूर गाय की खासियत

पुंगनूर गाय मूल रूप से आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले के पुंगनूर क्षेत्र की देशज नस्ल है। इसे विश्व की सबसे छोटी गाय के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसकी औसत ऊंचाई 70 से 90 सेंटीमीटर यानि मात्र 24 इंच और वजन 110 से 200 किलोग्राम तक होता है।

यह नस्ल कम चारा, कम रखरखाव और कठिन जलवायु परिस्थितियों में भी आसानी से जीवित रह पाने की क्षमता रखती है, जो इसे अत्यंत उपयोगी और टिकाऊ बनाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह प्रतिदिन 1 से 2 लीटर तक दूध देती है, जबकि कुछ मादाएं अधिकतम 3 लीटर तक दूध दे सकती हैं।

पुंगनूर गाय के दूध में A2 प्रोटीन की अत्यधिक मात्रा, एंटी-बैक्टीरियल तत्व और औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिसके कारण इसे स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। कम फैट वाला यह दूध धार्मिक-सांस्कृतिक मान्यताओं में भी विशेष स्थान रखता है। बाजार में इसकी कीमत 1 लाख से लेकर 10 लाख रुपये तक देखी जाती है। जबकि इस नस्ल की गाय का दूध 2000 रुपए लीटर और घी 12 हजार रुपए बिकता है।

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