छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में अपनी पत्नी की हत्या करने वाले पति को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ के रायगढ़ में अपनी पत्नी की हत्या करने वाले पति को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। घटना साल 2024 की है। जब पत्नी अपनी मायके जाना चाहती थी, लेकिन उसे पति ने मना किया। साथ ही शराब के नशे में हाथ-मुक्कों से उसकी जमकर पिटाई कर दी। इससे उसकी मौत हो गई थी।

1 साल बाद सबूत के आधार पर कोर्ट ने आरोपी पति को दोषी माना है। बता दें कि घटना वाली रात दोनों पति पत्नी साथ में बैठकर मछली खाए थे और खूब शराब पीए थे। फिर मायके जाने वाली बात को लेकर लड़ाई हुई थी। पति ने हाथ-मुक्के से मार-मार कर उसकी हत्या की थी।

अब जानिए पूरा मामला

8 जुलाई 2024 को टीवी टावर पेट्रोल पंप के पास रहने वाला आरोपी प्रेम कुमार राठिया (29 साल) ने थाना में आकर पुलिस को बताया कि केंवरा सारथी उर्फ संध्या विवाहित थी, लेकिन उसका पति उसे छोड़ दिया था।

ऐसे में वह संध्या को अपनी पत्नी मानता था। दोनों 5 सालों से साथ रह रहे थे। 7 जुलाई 2024 की शाम 5 बजे वह और उसकी पत्नी इतवारी बाजार गए थे। वहां से वापस आते समय सिग्नल चौक के पास शराब खरीदे और घर में मछली बना रहे थे।

इसके बाद दोनों साथ में बैठकर घर में ही शराब पीए और खाना खाए। रात तकरीबन 11 बजे संध्या ने अपने गांव केनसरा जाने की बात कही। तब प्रेम कुमार ने उसे जाने से मना किया।

इसके कुछ देर बाद संध्या दरवाजा के पास जाकर सो गई और प्रेम कुमार भी सो गया। सुबह 7 बजे उठकर देखा तो संध्या दरवाजे के पास सोई थी, उठाया तो नहीं उठी, उसकी मौत हो चुकी थी।

उसने बताया कि संध्या शराब पीया करती थी और सुबह उठकर गैस का दवाई खाती थी। प्रेम कुमार की सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले में जांच शुरू की।

गुस्से में हाथ-मुक्कों से मारा

इसके बाद पुलिस ने अन्य गवाहों को बयान लिया और प्रेम कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ की। तब उसने बताया कि मृतिका संध्या अपने घर ग्राम केनसरा जाने की जिद कर रही थी।

तब वह गुस्से में आकर हाथ-मुक्के से उसके साथ मारपीट की। जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद मामले में आरोपी के खिलाफ अपराध कायम कर उसे न्यायालय में पेश किया गया।

आरोपी को दोष सिद्ध पाया गया

जहां इस प्रकरण में सत्र न्यायधीश जितेन्द्र कुमार जैन ने दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए आरोपी को दोष सिद्ध पाया और प्रकरण में फैसला सुनाते हुए आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 500 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। मामले में लोक अभियोजक पीएन गुप्ता ने पैरवी की।

इस प्रकरण में सत्र न्यायाधीश की न्यायालय ने आरोपी पति को आजीवन कारावास के साथ अर्थदंड से दंडित किया है।

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