कलेक्टर से मिलने घंटो गेट के बाहर बैठे रहे आदिवासी, अंत में प्रतिनिधि मंडल ने की मुलाकात
गरियाबंद। उदंती सीतानदी किसान संघर्ष समिति के बैनर तले सोमवार को 100 गांव के लगभग 3000 हजार लोगों 14 सूत्रीय मांग को लेकर जिला मुख्यालय पहुँचे। दूरस्थ क्षेत्र से आए हजारों ग्रामीणों ने मुलभुत एवं टाईगर रिजर्व क्षेत्र में तेंदूपत्ता संग्रहण सहित कुल 14 सुत्रीय मांग को लेकर कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। ट्राईबल क्षेत्र से आए ग्रामीणों ने कई घंटो तक कलेक्टर कार्यालय के सामने अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन किया। जानकारी के मुताबिक अब तक का यह सबसे बड़ा आंदोलन रहा है जिसमें बडी संख्या में आदिवासी अंचल के ग्रामीण शामिल हुए।
इस दौरान अपनी लंबित मांग को लेकर वर्षाे से संघर्ष कर रहे वनांचल के ये लोग काफी आक्रोशित दिखे। कलेक्टर कार्यालय गेट के सामने बैठे आंदोलन को समाप्त करने पूरे राजस्व अमले के अधिकारी व पुलिस विभाग के बड़े अधिकारियो ने काफी मशक्कत की। अलग अलग तरीके से मनाने की कोशिश की परंतु अपनी मांगो को लेकर कलेक्टर से मिलने की जिंद पर अड़े ये लोग तस से मस नही हुए। अंतत कई घंटो बाद कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर ने प्रतिनिधि मंडल को कलेक्टर कार्यालय के सभा कक्ष में चर्चा के लिए बुलाया। कलेक्टर ने यहां सभी की समस्याओं को गंभीरता से सुना व समाधान करने का भरोसा दिलाया तब जाकर ग्रामीण शांत हुए और फिर देर शाम अंधेरा होने से पहले आंदोलन समाप्त कर वापस लौटे।
इसके पहले जिला कलेक्टर कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन व आंदोलन के दौरान ग्रामीणो ने जमकर शासन प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी की। ज्ञात हो कि उदंती अभ्यारण्य, सीतानदी अभ्यारण्य एवं राजापडाव क्षेत्र सहित लगभग 100 गांव के सैकड़ों ग्रामीण महिला पुरूष बच्चें रविवार सुबह से टैक्टरों के माध्यम से जिला मुख्यालय गरियाबंद के निकले थे। जो सोमवार दोपहर 1ः30 के आसपास जिला कार्यालय पहुचे। इस दौरान उदंती सीतानदी राजापडाव किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष अर्जुन सिंह नायक, जिला पंचायत सदस्य लोकेश्वरी नेताम, पूर्व जिप संदस्य कांति मरकाम, आदिवासी नेता दलसूराम मरकाम, ग्राम पंचायत कोकडी के सरपंच सखाराम मरकाम, ग्राम पंचायत अडगडी के सरपंच कृष्ण कुमार नेताम, शोभा सरपंच रमुला बाई मरकाम, गौरगांव सरपंच भानबाई नेताम, गरहाडीह के सरपंच कलाबाई नेताम, गोना सरपंच सुनिल कुमार मरकाम, भुतबेडा सरपंच अजय कुमार नेताम, कुचेंगा सरपंच कृष्णा बाई मरकाम, जांगडा सरपंच सहित बड़ी संख्या में आदिवासी नेता प्रदर्शन में शामिल हुए।
आदिवासी नेतृत्वकर्ताओ ने बताया कि कई बार जिला कार्यालय का घेराव किया जा चुका है परंतु अब तक उनकी मांगो का निराकरण नही हुआ है। मजबुरन ग्रामीणों को फिर जिला कलेक्टर कार्यालय में आंदोलन करने मजबुर होना पड रहा है। उदंती सीतानदी अभ्यारण्य क्षेत्र के कोर ऐरिया में ग्रामीणों को ना ही तेन्दुपत्ता तोडने दिया जाता है और न ही किसी भी प्रकार वनोपज संग्रहण करने दिया जाता है। जिसके चलते उदंती सीतानदी अभ्यारण्य क्षेत्र के कोर क्षेत्र में निवास करने वाले हजारों लोगो सामने अपने जीविकाउपार्जन को लेकर गंभीर समस्या उत्पन्न जाती है। इन कोर ईलाकों के गांव सड़क, बिजली पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे बुनियादी सुविधाए भी उपलब्ध नही है।
उन्होने बताया कि 14 प्रमुख मांगो में सबसे प्रमुख मांग उदंती अभ्यारण्य क्षेत्र के गांवो में तेंदूपत्ता संग्रहण की अनुमति प्रदान करना, गांवो में फड़ी बनाना, तेंदूपत्ता और बूटा कटाई की राशि मे वृद्धि करना, वहां काम करने वाले कर्मचारियों का वेतन बढ़ाना, आकस्मिक मृत्यु पर उचित मुआवजा राशि प्रदान करना, वनोपजों का मूल्य बढ़ाना, वनों के सरक्षण एवं संवर्धन की पूरी जिम्मेदारी वन समितियों को देना, 2005 से पूर्व काबिज भूमि का वन अधिकार पट्टा जारी करना, अभ्यारण्य एवं राजपडाव क्षेत्र में सड़क, बिजली पुल पुलिया की व्यवस्थाएं करना, भूतबेडा में हाई स्कूल और मक्का की खरीदी जनवरी फरवरी में शुरू करना शामिल है।
फोटो क्रमांक 101 से 105 तक 14 सुत्रीय मांगो को लेकर कोर क्षेत्र के ग्रामीणो ने घेरा कलेक्ट्रेट कार्यालय।