रायपुर। कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य व पूर्व केन्द्रीय मंत्री राजीव शुक्ला मंगलवार को रायपुर पहुंचे। यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर वह मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने केन्द्र सरकार पर ड्रग माफिया को संरक्षण देने का सीधा आरोप लगाया।
उन्होंने बताया कि 13 सितंबर 2021 को 3000 किलो हीरोइन ड्रग्स पकड़े जाने के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। यह हीरोइन इरान सेमिकट टेलकम पाउडर की फर्जी ब्रांडिंग से मेसर्स हसन हुसैन लिमिटेड, अफगानिस्तान द्वारा ईरान के माध्यम से भारत भेजे गए। यह ड्रग्स आशी ट्रेडिंग कंपनी के नाम से मंगवाए गए। आशी ट्रेडिंग कंपनी के मालिक गिरफ्तार किए गए दंपति -सुधाकर मच्छावरम व श्रीमती गोविंद राजू वैशाली को कथित तौर से मात्र 4 लाख का भुगतान इंपोर्ट व हैंडलिंग एजेंट के तौर पर किया गया। असल ड्रग माफिया कौन है, उसका चेहरा बेनकाब ही नहीं हुआ।
उन्होंने यह भी कहा कि 9 जुलाई 2021 को भी भी आशी ट्रेडिंग कंपनी के नाम से अफगानिस्तान की मेसर्स हसन हुसैन लिमिटेड ने 25000 किलो हेरोइन ड्रग्स सेमिकट टेलकम पाउडर के नाम से आयात किए थे। इसकी कीमत 175000 करोड़ है। यह हीरोइन ड्रग्स पकड़े ही नहीं गए। वह अब देश के बाजार में है। मोदी सरकार हिंदुस्तान के नौजवानों को नशे की आग में झोंक रही है। यह अपने आप में राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा भी है। श्री शुक्ला ने कहा कि सवाल ये है कि देश में कौन मगरमच्छ है जो 21000 करोड़ और एक लाख 75 हजार करोड़ की दुनिया की सबसे अधिक हीरोइन ड्रग्स मंगवा रहा है। जिस आशी टेडर्स के आयात-निर्यात के लाइसेंस पर यह माल मंगाया जा रहा है, वह तो तथाकथित तौर से छोटे-मोटे कमीशन एजेंट्स बताए जा रहे हैं।
साफ है कि एक बहुत बड़ा ड्रग माफिया सरकार की नाक के नीचे फल-फूल रहा है। देश और दुनिया के इतने बड़े ड्रग्स रैकेट का खुलासा होने के बावजूद प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पूरी तरह से चुप हैं।