हाईकोर्ट में आईजी जीपी सिंह मामले में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

Chhattisgarh Crimes

बिलासपुर। राजद्रोह मामले के आरोपी निलबिंत आईपीएस जी पी सिंह की याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है सुनवाई पूरी होने के बाद जीपी सिंह को हाईकोर्ट से राहत मिल पाएगी या नही इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है विधि सूत्रों का कहना है कि जीपी सिंह को बेकअप दे रहे धुरंधर तत्कालीन रमन सरकार के कार्यकाल में छग के भाग्य विधाता रहे है उनका पूरा प्रयास है कि जीपी सिंह को हाईकोर्ट से राहत मिल जाए ।

उल्लेखनीय है कि निलंबित आईपीएस जी पी सिंह ने हाईकोर्ट में दो अलग अलग याचिका लगाकर सरकार की कार्यवाही को चुनौती दी हुई है एक याचिका में कार्यवाई पर रोक की मांग तथा दूसरी याचिका में पूरे मामले की जांच सीबीआई से करने की मांग की गई है।

जीपी सिंह पर सरकार विरोधी कार्य के कारण राजद्रोह का मामला दर्ज है ,एसीबी ने व्यापारियों की शिकायत पर जीपी सिंह पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में छत्तीसगढ़ ,उड़ीसा समेत 15 ठिकानों पर छापे की कार्यवाई कर अनुपातहीन संपत्ति का खुलासा किया है बिलासपुर एस पी रहे आईपीएस राहुल शर्मा सुसाइड मामले से ज्यादा चर्चा में आये जीपी सिंह पर अब कई मामले दर्ज हो गए है। पिछ्ली सुनवाई में हाईकोर्ट ने शासन से केश डायरी तलब की थी। आज दोनो पक्षो द्वारा अपना अपना पक्ष रखा गया,दोनो पक्षो की बहस सुनने के हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। निलंबितआईपीएस जीपी सिंह की ओर से सीनियर एडव्होकेट किशोर भादुड़ी ने पैरवी की। वही शासन की ओर से केटीएस तुलसी और अमृतो दास ने पैरवी की।

हाईकोर्ट में आज राज्य शासन से भिड़े निलंबित आईपीएस अधिकारी गुरजिंदर पाल सिंह की याचिका पर राज्य शासन की ओर से दलील देते हुए सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट केटीएस तुलसी ने उन्हें जांच और एफआईआर से राहत देने का विरोध किया।

ज्ञात हो कि आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में करीब 15 ठिकानों पर छापेमारी के बाद राज्य सरकार की जांच एजेंसियां ईओडब्ल्यू और एसीबी ने आईपीएस जीपी सिंह के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। उनके घर पर छापेमारी के दौरान मिले कथित आपत्तिजनक दस्तावेजों के आधार पर कोतवाली पुलिस द्वारा जी पी सिंह के विरुद्ध राजद्रोह का अपराध भी कायम किया गया है।

अपने वकील किशोर भादुड़ी व सब्यसाची भादुड़ी के जरिए जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। जीपी सिंह ने अपने ऊपर लगाए गए राजद्रोह तथा एसीबी और ईओडब्ल्यू द्वारा की गई कार्रवाई पर रोक लगाने की भी मांग की है। उनका कहना है की राजनीतिक साजिश की वजह से उन्हें राज्य सरकार ने फंसाया है। सिंह की याचिका दायर होने के बाद राज्य सरकार की ओर से भी इस मामले में कैविएट दायर की गई थी। आज दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट में जस्टिस एन के व्यास की बेंच ने फैसला सुरक्षित रखा है। मामले की सुनवाई वर्चुअल कोर्ट में हुई।