टीम ने मिल से 5 नाबालिग बालिकाओं को मुक्त कराया। इन बालिकाओं को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया। यह कार्रवाई बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिबंध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के तहत की गई।
3 संस्थानों पर 95,000 रुपए का जुर्माना
जांच के बाद न्यायालय ने दोषी पाए गए 3 संस्थानों पर कुल 95,000 रुपए का जुर्माना लगाया। साथ ही बाल श्रम निषेध सूचना का प्रदर्शन न करने पर जिले के 26 अन्य संस्थानों के खिलाफ भी कार्रवाही की गई है।
प्रशासन ने कहा है कि बच्चों के शोषण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भविष्य में ऐसी कार्रवाइयां और सख्ती से की जाएंगी।