प्रवर्तन निदेशालय रायपुर जोनल कार्यालय ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि, महादेव ऑनलाइन बुक बेटिंग ऐप मामले में दिल्ली, मुंबई, इंदौर, अहमदाबाद, चंडीगढ़, चेन्नई और संबलपुर (ओडिशा) में तलाशी अभियान चलाया गया। कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को जब्त किया गया है।
अम्ब्रेला सिंडिकेट की तरह चल रहा महादेव सट्टा ऐप
ईडी की जांच से पता चला है कि, महादेव ऑनलाइन बुक बेटिंग ऐप एक अम्ब्रेला सिंडिकेट की तरह संचालित किया जा रहा है। ये लोगों को अवैध सट्टेबाजी करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की व्यवस्था करता है।बड़ी मात्रा में अवैध सट्टे की कमाई को बेनामी बैंक खातों का इस्तेमाल कर उसमें जमा किया जा रहा था।
इन सट्टेबाजी प्लेटफार्मों से होने वाली कमाई को भारत से बाहर ट्रांस्फर किया जा रहा था। बाद में “विदेशी एफपीआई” (जो मॉरीशस, दुबई आदि से बाहर स्थित हैं) के नाम पर भारतीय शेयर बाजार में उन पैसों को लगाया जा रहा था। आम निवेशकों को धोखा देने के लिए कुछ स्मॉल और मीडियम इंटरप्राइजेस की जरिए मार्केट में उतार-चढ़ाव पैदा करने सट्टे की कमाई से पैसों को कुछ कंपनियों में इनवेस्ट किया गया।
ED ने की निवेशों की पहचान
ED को कुछ निवेशकों के नाम भी मिले हैं। जिन्होंने इन कंपनियों के शेयर में अपने पैसे इंवेस्ट किए थे। इन निवेशकों के पैसे फ्रीज कर दिए गए हैं। रेड के दौरान कुछ और भी दस्तावेज जब्त किए गए हैं। इनमें उन प्रमोटर्स का भी पता चला है, जो मुख्य आरोपियों के साथ मिलकर इन कंपनियों के शेयर्स का दाम तय करते थे। इनमें से कुछ एजेंटों और शेयर दलालों को भी जांच में शामिल किया गया है।
3002 करोड़ की संपत्ति जब्त
महादेव सट्टा ऐप मामले में ED ने अब तक 170 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी कर तलाशी ली है। इसके अलावा मामले में करीब 3002.47 करोड़ रुपए मूल्य की अचल-चल संपत्ति को फ्रीज और कुर्क किया गया है।
ईडी ने इस मामले में कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि इस मामले में दायर पांच अभियोजन शिकायतों में 74 संस्थाओं को आरोपी बनाया गया है। इस मामले में ED की ओर से आगे की जांच जारी है।