नया शिक्षा सत्र का शुभारंभ आज से स्कूल में प्रवेश उत्सव पर खंडहर झोपड़ी में बच्चे फिर होंगे पढ़ाई करने को मजबूर स्कूली बच्चों के सपना कैसे होगा पूरा नया स्कूल भवन आधा अधूरा

Chhattisgarh Crimes
लगता है इस सत्र में भी जर्जर झोपड़ी पेड़ के छांव में पढ़ाई करने के लिए बच्चे होंगे फिर मजबूर

स्कूल बनाने वाले ठेकेदारों पर शिकंजा कसो साय सरकार
पूरन मेश्राम/मैनपुर। प्रदेश में 16 जून से नया शिक्षा सत्र प्रारंभ होने जा रहा है। इससे पहले छत्तीसगढ़ के मुखिया मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश के समस्त जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखकर शाला प्रवेशोत्सव में सक्रिय भागीदारी की अपील भी किया है। इसका उद्देश्य राज्य में शिक्षा के स्तर को सशक्त बनाने और शत प्रतिशत बच्चों का स्कूल में दाखिला कराना है। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा शिक्षकों एवं विद्यालयों का युक्तियुक्तकरण करते हुए शिक्षक विहिन एवं एकल शिक्षकीय विद्यालयों में शिक्षकों के प्राथमिकता से पदस्थापना किया गया है। जिससे शिक्षा के अधिकार हर बच्चे तक पहुंँच सके स्वागत योग्य निर्णय पर वनांचल क्षेत्र के सरकारी नया स्कूल भवन निर्माण मे कितने महीना का समय सीमा लगना चाहिए।
1 2 3 4 5 6 7 महीना या फिर वर्षों नया सत्र भी चालू हो गया है। हम बात कर रहे हैं विकासखंड मुख्यालय मैनपुर राजापड़ाव क्षेत्र के जहां गरहाडीह,गौरगांव,शोभा,भूतबेड़ा गोना संकुल में करीबन 40 प्राथमिक शाला 18 मिडिल एवं 04.हाई स्कूल है। लेकिन अभी तक खंडहर झोपड़ी,बेरियर नाका सहित जर्जर स्कूलों में पढ़ने वाले आदिवासी मूलनिवासी बच्चों के लिए बनने वाली सरकारी स्कूल भवन के निर्माण में देरी क्यों हो रहा है। कहां पर सिस्टम फेल है या फिर जानबूझकर देरी किया जा रहा है इस पर शिकंजा कसने वाला कौन है। इधर नया स्कूल भवन निर्माण में लगे मिस्त्री और मजदूरों का कहना है ठेकेदार के द्वारा महीनो से मजदूरी नहीं दिया जा रहा है। ठेकेदार के द्वारा मजदूरों को मेहंताना क्यों नहीं दिया जा रहा है। शासन से राशि जारी हुआ है कि नहीं कहां पर गड़बड़ी है इसका ईमानदारी के साथ जिम्मेदारों के द्वारा जांच पड़ताल करते हुए सुदूर वारांचल क्षेत्र के नवीन स्कूल भवन निर्माण पर तेजी लाने की जरूरत है। स्कूल जतन योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन शिक्षा विभाग के द्वारा जर्जर स्कूल भवनों मे पढ़ रहे बच्चों के लिए नया स्कूल भवन बनाने के लिए लाखों रूपयो की स्वीकृति प्रदान करते हुए ठेकेदारों के द्वारा सही समय पर नया स्कूल भवन बनाकर दिए जाने एग्रीमेंट किया गया है। ताकि स्कूली बच्चों को विद्या अध्ययन करने में कोई तकलीफ और व्यवधान ना आवे लेकिन महीनो,साल गुजर जाने के बाद भी नया स्कूल भवन बनकर तैयार नहीं होने के कारण बच्चों को आज भी झोपडी नुमा सार्वजनिक मकान मे पढा़ई करना पड़ पडे़गा। राजापड़ाव क्षेत्र के गांव शोभा, मोतीपानी,भूतबेड़ा,भद्रीपारा,
गाजीमुडा,मौहानाला, भाँठापानी,नगबेल,लाटापारा,
कोदोमाली जहां पर नवीन स्कूल भवन अतिरिक्त कक्ष का निर्माण में देरी होने के कारण इस सत्र में भी मासूम बच्चों को खंडहर, झोपड़ी, पेड़ के नीचे विषैला सांप बिच्छू के साए में रहकर पढ़ने को मजबूर होना पड़ेगा। जिनकी जवाबदेही और जिम्मेदारी है। ऐसे जिम्मेदारों को संज्ञान लेते हुए महीनो से अधूरा पड़े स्कूल भवनों को पूरा कराने के लिए एक कदम आगे बढ़कर काम करना होगा अन्यथा जैसे हाल वर्षों से है वही हाल में बच्चों को रह कर भारी बारिश में भी पढ़ाई करना होगा अब देखना होगा राजापडा़व क्षेत्र की तस्वीर और दिशा बदलने में कितने जिम्मेदारों का हाथ आगे बढ़ता है।

Exit mobile version