IPS जीपी सिंह के खिलाफ 3 और मामलों में जांच के आदेश, नक्सलियों के 2 करोड़ हड़पने सहित इन 3 प्रकरणों में खुलेगी पुरानी फाइल

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। IPS जीपी सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। आय से अधिक संपत्ति और राजद्रोह जैसे मामलों में घिरे निलंबित ADG के खिलाफ अब अलग-अलग मामलों में जांच शुरू हो गयी है। तीन दिन के भीतर जीपी सिंह के खिलाफ तीन अलग-अलग शिकायतों पर जांच के आदेश दिये गये हैं। राज्य सरकार के निर्देश के बाद अलग-अलग मामलों के लिए राज्य सरकार ने सीनियर IPS को जांच अधिकारी नियुक्त किया है।

हालांकि इनमें से अधिकांश मामले पुराने हैं, जिसकी फाइलें सालों बाद अब खुल रही है है। एक मामले में स्पेशल डीजी अशोक जुनेजा को जांच अधिकारी बनाया गया है, जबकि दूसरे में दुर्ग आईजी विवेकानंद सिन्हा और एक अन्य में रायपुर आईजी आनंद छाबड़ा को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।

जिस मामले में स्पेशल डीजी अशोक जुनेजा को जांच अधिकारी बनाया गया है, वो देवेंद्र नगर के दुर्लभ कुमार अग्रवाल नाम के 22 वर्षीय लड़के की तरफ से शिकायत दर्ज करायी है। इस मामले में देंवेंद्र नगर के रहने वाले दुर्लभ अग्रवाल ने रायपुर के पूर्व आईजी जीपी सिंह, तत्कालीन एसपी ओपी पॉल और तत्कालीन डीएसपी अर्चना झा के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी गयी है। डीजीपी की तरफ से इस मामले में जांच अधिकारी नियुक्ति किया है। 12 जुलाई को की गयी शिकायत में दुर्लभ अग्रवाल ने पीएमओ, मुख्यमंत्री, डीजीपी और NHRC को भी अपनी शिकायत भेजी है। हालांकि ये पूरा मामला 2013 का था, उस वक्त पार्थी दुर्लभ 13 साल का था। आरोप है कि उसके और उसके परिवार के साथ रायपुर एसपी आफिस में एसपी और डीएसपी की तरफ से हमला किया गया था। जब इस मामले की शिकायत हुई तो आईजी जीपी सिंह को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया। लेकिन इस मामले में आईजी जीपी सिंह ने बिना जांच किये ही मीडिया में ये बयान दे दिया कि उन्होंने सीसीटीवी देखा है, इसमें किसी तरह का अपराध परीलिक्षित नहीं हो रहा है।

नक्सली के 2 करोड़ राशि गबन करने की दुर्ग आईजी करेंगे जांच

नक्सलियों की 2 करोड़ की राशि गबन करने का गंभीर आरोप आईजी जीपी सिंह पर लगा है। इस मामले में अब जांच के आदेश दिये गये हैं, जिसकी जांच दुर्ग आईजी विवेकानंद सिन्हा करेंगे। दुर्ग आईजी रहते जीपी सिंह ने इनामी नक्सली पहाड़ सिंह को पकड़ा था। राजनांदगांव के ज्ञानेंद्र यादव नाम के व्यक्ति ने अपनी शिकायत में बताया है कि 2016 में जीपी सिंह ने पहाड़ सिंह को पकड़ा था। आरोप है कि एएसपी वाईपी सिंह के जरिये नक्सली पहाड़ सिंह के 2 करोड़ रूपये बरामद किये गये थे। दरअसल ये रकम नोटबंदी के दौरान नक्सली पहाड़ सिंह ने व्यापारियों को बदलने के लिए दिये थे। गिरफ्तारी के दौरान पहाड़ सिंह ने बताया था कि वो किन-किन व्यापारियों को पैसा दिया है। जीपी सिंह ने उन व्यापारियों को फंसाने की धमकी देकर वो रकम वसूल लिये और फिर उसका गबन कर लिया। इस मामले में आईजी जीपी सिंह पर नक्सलियों के साथ सांठगांठ का भी आरोप लगाया गया है।

मनजीत कौर बल की शिकायत की रायपुर आईजी करेंगे जांच

मनजीत कौर बल ने आरोप लगाया है कि गंभीर मामलों में आरोपी कमलाकांत तिवारी को बचाने की निलंबित आईपीएस जीपी सिंह ने बचाने की कोशिश की। हालांकि ये मामला 2016 का है, इस मामले में मनजीत कौर बल ने दोबारा से पत्र भेजकर डीजीपी से प्रकरण की जांच की मांग की है।