पक्ष- विपक्ष की चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला

Chhattisgarh Crimesराज्यपाल के अभिभाषण पर पक्ष- विपक्ष की चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला। साय ने कहा कि विधानसभा, लोकसभा और स्थानीय निकाय चुनाव में भरपूर जनादेश मिला। कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया।

कांग्रेस सरकार के कुशासन एवं भ्रष्टाचार के गड्‌ढों को पाटते हुए विकसित छत्तीसगढ़ के लिए हमने नई राहें खोली हैं। केवल कुशासन और भ्रष्टाचार ही कांग्रेस सरकार की सच्चाई नहीं थी, बल्कि संवेदनहीनता इस सरकार का सबसे कुरूप चेहरा था। कांग्रेस की स्थिति ऐसी क्यों बनी। यह उनके 5 साल के कुशासन और अराजकता पर जनता का जवाब था। थोपे हुए महापौर, पार्षद का चुनाव भी हमारे जमीनी कार्यकर्ता से हार गए। मुख्यमंत्री जब बोल रहे थे, उस समय विपक्ष सदन में मौजूद नहीं था। कांग्रेसी सदस्य प्रश्नकाल के दौरान ही सदन से वॉकआउट कर गए थे।

हमने बोली का जवाब बोली और गोली का जवाब गोली से देने का निश्चय किया है। पिछली कांग्रेस सरकार के 5 सालों में 219 नक्सली मारे गए। वहीं, हमारी सरकार के 14 महीनों में 305 से अधिक हार्डकोर नक्सली मारे गए, 972 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और 1183 नक्सली गिरफ्तार हुए। हमने सबसे अच्छी पुनर्वास नीति बनाई है।

आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिए 15 हजार प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए हैं। नक्सल हिंसा से प्रभावित अति संवेदनशील गांवों को संवारने के लिए नियद नेल्लानार योजना शुरू की गई है। इसमें हमने सुरक्षा कैंपों के 5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों को चुना है। यहां 17 विभागों की 52 योजनाओं एवं 31 सामुदायिक सुविधाओं का लाभ लोगों को देना शुरू किया है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि कांग्रेस के 5 साल के कुशासन ने प्रदेश की छवि को बदनाम किया। इनकी सरकार के संरक्षण में महादेव एप खुलकर फला फूला। प्रोटेक्शन मनी जितनी तेजी से बढ़ती गई, सट्‌टे का कारोबार उतनी ही तेजी से फैलता गया। कांग्रेस सरकार ने आबकारी नीति में ऐसे बदलाव किए, जससे सरकारी राजस्व की हानि हुई। नंबर दो का पैसा किस- किस रास्ते से कहां-कहां पहुंच गया, इसकी जांच अभी एजेंसियां कर रही हैं।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि कुछ लोग संविधान की दुहाई देते हुए संविधान की किताब लिए घूमते हैं। इन्हीं लोगों ने 50 साल पहले इमरजेंसी लगाकर देश को तानाशाही की ओर ढकेल दिया था। लोकतंत्र सेनानियों ने आपातकाल के कठिन दौर में संविधान की मशाल को बुझने नहीं दिया। कांग्रेस सरकार लोकतंत्र सेनानियों की सम्मान निधि रोक दी थी, हमारी सरकार ने फिर से शुरू की है।

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