भास्कर ने अस्पताल के ज्यादातर वार्डों और ओपीडी के एसी की पड़ताल की। अस्पताल की ओपीडी में ही एसी बंद मिला। सुबह मरीजों की भीड़ के दौरान घुटन और उमस महसूस हो रही थी। आम मरीज तो उसी गर्मी में अपना इलाज करवाने के लिए पर्ची बनवाने काउंटर पर खड़े थे, लेकिन स्टाफ के लिए कूलर लगाया गया था।
ओपीडी के थोड़े हिस्से में ही कूलर की हवा पहुंच रही थी। नेफ्रोलॉजी, डायलिसिस, प्लास्टिक सर्जरी, बाल्य चिकित्सा वार्ड के सेंट्रलाइज्ड एसी बंद थे। मरीजों के इंतजार करने के लिए बनाए गए रेस्ट एरिया के भी सभी एसी बंद थे। यहां भी लोग गर्मी और उमस से बेचैन होते नजर आए।डायलिसिस वार्ड- उमस में परेशान हो रहे मरीज
ग्राउंड फ्लोर स्थित डायलिसिस वार्ड और किडनी पेशेंट वार्ड(ए1-ए2) में मरीज पंखे के भरोसे नजर आए। यहां लगे सेंट्रलाइज्ड एसी खराब हो गए हैं। यहां पहुंचने वाले किडनी मरीज गर्मी से हलाकान हो रहे थे। कुछ के परिजनों ने उनके लिए अलग से पोर्टेबल पंखे लगाकर रखे थे, तो कुछ उन्हें कपड़े से हवा दे रहे थे। वहीं डायलिसिस के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे मरीज इस वार्ड के बाहर बिन पंखे के बैठे थे। वहां एक सेंट्रलाइज्ड डक्ट खराब का पैनल उखड़ा हुआ था। एसी बंद था।