महाराष्ट्र। रेलवे प्लेटफार्म पर मां अपने छोटे से बच्चे के साथ हाथ पकड़ कर जा रही थी, तभी अचानक बच्चे का हाथ मां के हाथ से छूटता है और वह जाकर ट्रैक पर गिर जाता है। मां चिल्लाती है उसका बच्चा ट्रैक पर नीचे से चिल्लाता है और कुछ मीटर की दूरी पर सामने से काफी तेजी से ट्रेन उसी ट्रैक पर आती नजर आती है।
मां और बेटे के बीच कुछ गज की दूरी थी लेकिन मां अपना हाथ उसको खींचने के लिए क्यों नहीं बढ़ा पाती। ऐसे लगता है कि मां कोई गलती कर रही है लेकिन किसी को नहीं पता था कि बच्चे की मां को दिखाई नहीं देता वो बस चीख रही थी। बच्चे के सामने मौत खड़ी थी, ट्रेन कुछ मीटर की दूरी पर थी तभी तेज दौड़ लगाता एक शख्स आता है और अपनी जान की परवाह किए बगैर बच्चे को बचा लेता है।
A Good Samaritan:
At Vangani station of Central Railway, Pointsman Mr. Mayur Shelkhe saved the life of a child just in the nick of the time. He risked his life to save the life of the child.
We salute his exemplary courage & utmost devotion to the duty. pic.twitter.com/V6QrxFIIY0
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) April 19, 2021
यह कोई फिल्मी सीन नहीं था बल्कि हकीकत है। यह पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। महाराष्ट्र की इस घटना को देखकर हर कोई इस बहादुर रेल कर्मचारी की तारीफ कर रहा है। करे भी क्यों नहीं क्योंकि मयूर शेलके नाम के इस शख्स ने काम ही ऐसा किया है। मयूर शेलके का वीडियो जो भी देख रहा उसको तो एक बार यकीन ही नहीं हो रहा है। शेलके ने 6 महीने पहले ही रेलवे जॉइन किया है। शेलके ने बताया कि वह ड्यूटी पर थे। बच्चे को देखा तो झिझका लेकिन फिर दौड़ पड़ा। शेलके ने अपनी जान की बाजी न लगाई होती तो शायद बच्चा आज जिंदा न होता। ऐसे बहाहुर रेलकर्मी को सलाम।
शेलके आज सबकी नजरों में हीरो हैं। शेलके ने बताया कि ड्यूटी पर थे बच्चे को देखा और दौड़ पड़े। बच्चे को ऊपर किया और जैसे तैसे चंद सेकेंड में खुद प्लेटफार्म तक आ सके। उद्यान एक्सप्रेस महाराष्ट्र के वांगनी स्टेशन से गुजर जाती है। शेलके के इस साहस भरे कार्य पर रेलवे को भी नाज है। सेंट्रल रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि शेलके रेलवे फील्ड वर्कर हैं जिनका काम यह देखना होता है कि ट्रेन सिग्नल सही तरीके से काम कर रहा है या नहीं। हमें खुशी है कि शेलके ने नेत्रहीन मां की आवाज सुनी और उसके बच्चे को बचाया।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि शेलके ने जो किया है उसके लिए कोई भी पुरस्कार कम है। पीयूष गोयल ने ट्वीट करते हुए लिखा कि शेलके पर गर्व है जो उसने यह साहस दिखाया है। अपनी जान की बाजी लगाते हुए शेलके ने यह काम किया है। एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट की ओर से शेलके की बहादुरी के लिए 50 हजार का इनाम दिया है। बच्चे की मां संगीता शिरसत का कहना है कि जितना भी धन्यवाद दें वो कम है। अपनी जान की बाजी लगाकर उन्होंने मेरे बेटे की जान बचाई है।