सदाबहार के फूलों का रस डायबिटीज का है तगड़ा काट, जानिए कैसे करें इस्तेमाल और क्या होंगे फायदे

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सदाबहार ऐसा पौधा है जिसे आसानी से गमले में उगाया जा सकता है। सदाबहार का मतलब है कि ये पौधा 12 महीने हरा-भरा रहता है और फूल आते हैं। सदाबहार का छोटा सा पौधा आपकी बालकनी और घर की शोभा को कई गुना बढ़ा देता है, लेकिन क्या आप जानते हैं सदाबहार के फूलों का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है। बाबा रामदेव की मानें तो सदाबहार के पौधे का रस पीने से डायबिटीज जैसी बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है। जानिए शुगर को खत्म करने के लिए कैसे करें सदाबहार का इस्तेमाल?

सदाबहार के फूल और पत्ते दोनों ही औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। डायबिटीज के मरीज इसका जूस निकालकर पी सकते हैं। आप सदाबहार के 3-4 पत्ते या 5-6 फूलों को ऐसे ही चबाकर भी खा सकते हैं। इससे शरीर में जमा टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं और ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

डायबिटीज में ऐसे करें सदाबहार का इस्तेमाल

डायबिटीज के मरीज 1 छोटा खीरा, 1 छोटा करेला, 1 छोटा टमाटर मिक्सी में पीस लें। आप इसके साथ सदाबहार के 6-7 फूल और 3-4 नीम के पत्ते भी डाल लें। सदाबहार के फूल न मिलें तो आप पत्तों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। सारी चीजों को मिलाकर पीस लें और फिर इसका जूस निकालकर छान लें। इस जूस का सेवन करने से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।

सदाबहार के फूल और पत्तों का पाउडर

आप चाहें तो सदाबहार के पत्तों को या फिर फूलों को सुखाकर भी उपयोग कर सकते हैं। इन पत्तों को पीसकर चूर्ण बना लें और फिर इसे जूस में मिलाकर या ऐसे ही पानी के साथ 1 चम्मच चूर्ण खा लें। इससे डायबिटीज के मरीज को काफी फायदा मिलेगा।

सदाबहार के फायदे

सदाबहार के पत्ते और फूल वात दोष को कम करते हैं। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करते हैं। सदाबहार के पत्तों में एल्कलॉइड गुण होते हैं जो बढ़े हुए ब्लड शुगर को कम करने में मदद करते हैं। गले की खराश दूर करने और ततैया के काटने में भी सदाबहार के फूलों का रस फायदेमंद साबित होता है।

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