कर्ज से परेशान होकर पिता ने डेढ़ साल के बेटे को फांसी लगाकर की खुदकुशी की कोशिश; मासूम की मौत और पिता बच गया

Chhattisgarh Crimes

सरगुजा। जिले के बांसाझाल में ऐसी चौकाने वाली घटना सामने आई है, जो किसी को भी हैरान कर देगी। कर्ज से परेशान होकर एक पिता ने अपने बेटे के साथ आत्महत्या करने की कोशिश की। उसने अपने डेढ़ साल के बेटे को फांसी लगा दी, जिससे उसकी मौत हो गई। लेकिन जब पिता ने खुद फांसी लगाकर खुदकुशी की कोशिश की, तो बीच में ही रस्सी टूट गई, जिससे उसकी जान बच गई। मामला बतौली थाना क्षेत्र का है।

बताया जा रहा है कि, बड़े बेटे को मारने का प्लान भी पिता ने बनाया था, लेकिन वो फेल हो गया। फिलहाल आरोपी रंजन खलखो को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया है। थाना प्रभारी बतौली उप निरीक्षक प्रमोद पांडेय के मुताबिक आरोपी रंजन खलखो की पत्नी 2 महीने पहले कर्ज लेकर दिल्ली फरार हो गई है। जिन लोगों से कर्ज लिया गया है, वे लगातार उसे चुकाने का दबाव बना रहे थे। इससे परेशान होकर रंजन ने दोनों बेटों अनमोल और आजाद (डेढ़ साल) के साथ जान देने का फैसला किया था।

2 नवंबर की रात वो अपने छोटे बेटे आजाद खलखो (डेढ़ वर्ष) को लेकर जंगल चला गया। पहले पिता रंजन ने रस्सी से पेड़ के सहारे आजाद को फांसी पर लटकाया, इसके बाद खुद भी फांसी पर लटक गया। लेकिन इसी बीच उसकी रस्सी टूट गई और वह गिर पड़ा। इस बीच डेढ़ साल के बेटे की दर्दनाक मौत हो गई। उसने सोचा कि अब वो बड़े बेटे अनमोल खलखो को भी मारने के लिए लाएगा और उसके बाद खुदकुशी कर लेगा, लेकिन आरोपी को उसके जीजा विजय लकड़ा (21 वर्ष) देख लिया। उसके इतनी रात को घर से बाहर रहने से संबंधित सवाल पूछने पर वो डर गया और वहां से भाग गया।

इधर बाद में वो फिर से जंगल में गया, छोटे बेटे की लाश उठाई और उसे गिदूरझूला नाले के पास पत्थरों के बीच छिपा दिया। सुबह परिवार वालों ने छोटे बच्चे की तलाश शुरू की, तो उसकी लाश नाले के पास पत्थरों से दबी मिली, तब जाकर पुलिस को खबर की गई और जांच में पूरी घटना का खुलासा हो गया। जीजा विजय लकड़ा ने एक दिन पहले रात में हुई पूरी घटना बता दी। एसपी भावना गुप्ता के निर्देश पर आरोपी को पकड़ने के लिए टीम बनाकर आरोपी रंजन खलखो को गिरफ्तार कर लिया।

आरोपी ने पुलिस की पूछताछ में जुर्म कबूल कर लिया। उसने बताया कि, उसकी पत्नी सरिता भगत ने बगीचा स्थित एक प्राइवेट कंपनी से लोन लिया था। वो कर्ज चुका नहीं सकी और यहां से फरार हो गई। इधर कंपनी लगातार लोन देने का दबाव बना रही थी, जिसके कारण उसने बच्चों के साथ आत्महत्या करने का रास्ता चुना, लेकिन छोटे बेटे की जान चली गई और वो बच गया। आरोपी के कबूलनामे के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ IPC की धारा 302 और 201 के तहत केस दर्ज किया गया।

Exit mobile version