जैविक खाद बना आय का जरिया

रायपुर। छत्तीसगढ़ में महिलाओं को अब अपने गांव में ही कमाई के कई रास्ते मिलने लगे हैं। खेती-किसानी और घर के कामों के साथ महिलाओं ने अतिरिक्त आय के जरिये को अपना रही हैं। इससे न सिर्फ उनमें आत्मनिर्भरता आई है बल्कि उनका हौसला भी बढ़ा है। राज्य सरकार भी महिलाओं के इसी आत्मविश्वास को जगाकर उन्हें आगे बढ़ने में मदद कर रही है। आगे बढ़ रहीं इन्ही सबलाओं में बेमेतरा जिले के साजा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत टिपनी की जय महामाया स्व सहायता समूह की 12 महिलाएं भी शामिल हैं जिन्होंने अपने काम से अपनी पहचान बनाई है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) अन्तर्गत प्रशिक्षण लेने के बाद समूह की महिलाओं ने 14 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट की बनाकर कर 24 हजार रुपए कमाए हैं। ये महिलाएं अब वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने के साथ ग्रामीणों को पारंपरिक खाद बनाने का प्रशिक्षण भी दे रही हैं।
समूह द्वारा विगत 7 माह से जैविक खाद बनाने का काम किया जा रहा है। अब तक उनके द्वारा गांव के किसानो को 14 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद 10 रुपए प्रति किलो की दर से बिक्री कर 14 हजार रुपए और 2500 प्रति ट्राली की दर से 4 ट्राली बेस्ट डी कम्पोस्ट खाद (उपचारित गोबर खाद) बिक्री कर 10 हजार रूपए कुल 24 हजार रुपए की आय अर्जित की है। महिलाओं ने बताया कि खाद निर्माण में प्रति किलो 4 रुपए का व्यय होता है जबकि बिक्री प्रति किलो रुपए 8 से 10 रुपए की दर से होती है इससे प्रति किलो 4 से 6 रुपए का लाभ प्राप्त हो जाता है।
समूह की महिलाओं ने बताया कि किसानो द्वारा बोये गये फसलो के लिए प्राकृतिक खाद काफी लाभदायक साबित हो रहा है। वर्मी कम्पोस्ट खाद रासायनिक खाद की अपेक्षा भूमि के लिए ज्यादा उपयोगी है। इससे पर्यावरण के साथ भूमि को कोई नुकसान नहीं होता है बल्कि इसके भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है और फसल की पैदावार भी अच्छी होती है। उन्होंने बताया कि जैविक खाद बनाने से पहले समूह की अध्यक्ष श्रीमती इन्द्ररानी देवांगन, सचिव श्रीमती क्रांती साहू सहित सदस्यों को थानखम्हरिया के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। कम्पोस्ट खाद बनाने के लिए टैंक बनाकर उसमें सूखी पत्तियों को सड़ाया जाता है,साथ ही खली, नीम के पत्ते,अनाज का भूसा और गोबर का उपयोग भी किया जाता है। मिश्रण में निर्धारित मात्रा में डाले गये केचुए इसे खाद में परिवर्तित कर देते हैं। इसमें एक से डेढ माह का समय लगता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version