पूरन मेश्राम।मैनपुर।वन परिक्षेत्र अरसीकन्हार के अंतर्गत रिसगांव कोर वन परिक्षेत्र में चरवाहा सम्मान सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीणों, विशेष रूप से चरवाहों, को वन संरक्षण के प्रति जागरूक करना और उनके योगदान को सम्मानित करना था। सम्मेलन में एसडीओ गोपाल कश्यप मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उनके साथ वन परिक्षेत्र के अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद रहे।
इस अवसर पर ग्रामवासियों और चरवाहों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। एसडीओ गोपाल कश्यप ने अपने संबोधन में कहा कि, “वन हमारे पर्यावरण की रीढ़ हैं, और इनकी रक्षा करना हम सभी का कर्तव्य है। चरवाहे ग्रामीण जीवन और वन संरक्षण के बीच सेतु का काम करते हैं। उनके सहयोग से वनों की सुरक्षा और जैव विविधता को संरक्षित करना संभव है।” उन्होंने ग्रामीणों से वनों के अतिक्रमण और अवैध कटाई रोकने में वन विभाग का सहयोग करने की अपील की। सम्मेलन में चरवाहों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। साथ ही उन्हें वनों को बचाने और संरक्षित करने के लिए आवश्यक जानकारियां प्रदान की गईं। ग्रामीणों को वन्यजीवों और पर्यावरण संतुलन की अहमियत के बारे में जागरूक किया गया। ग्रामवासियों ने भी सम्मेलन के दौरान अपने अनुभव साझा किए और वन विभाग के साथ बेहतर सहयोग की इच्छा जताई। उन्होंने वन विभाग के इस प्रयास की सराहना की और भविष्य में वन संरक्षण से जुड़े अभियानों में सक्रिय भागीदारी का आश्वासन दिया। इस अवसर पर वन विभाग की ओर से विभिन्न योजनाओं और सुविधाओं की जानकारी दी गई, जिनसे ग्रामीण और चरवाहे लाभान्वित हो सकते हैं। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। चरवाहा सम्मान सम्मेलन जैसे प्रयास वन संरक्षण में सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करते हैं और समाज में जागरूकता का संदेश फैलाते हैं। इस चरवाहा सम्मेलन मे प्रमुख रूप से गोपाल कश्यप एस.डी.ओ उदंती, मध्य प्रदेश से आये वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट, परिक्षेत्र अधिकारी रिसगाँव शैलेश बघेल, वन रक्षक राजेंद्र सिन्हा, खोज संस्था से श्रीमती उमा एवं समस्त वन अमला उपस्थित रहे।