पोस्ट ऑफिस में इन्वेस्ट के नाम पर 10 करोड़ का फर्जीवाड़ा; हाईकोर्ट ने खारिज की महिला की अग्रिम जमानत याचिका

Chhattisgarh Crimes

बिलासपुर। रायपुर के रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय स्थित पोस्ट ऑफिस में एफडी घोटाला करने वाली महिला एजेंट की अग्रिम जमानत अर्जी को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। केस दर्ज होने के बाद महिला आठ माह से फरार है। दरअसल, महिला ने पोस्ट ऑफिस में रकम जमा कराने के नाम से ग्राहकों से रकम वसूली कर हड़प कर ली है।

जानकारी के अनुसार रायपुर की आकांक्षा पांडेय के पति भूपेंद्र पांडेय पोस्ट ऑफिस के एजेंट थे। पति के साथ आकांक्षा भी एजेंट के रूप में काम करने लगी थीं। आरोप है कि दोनों ने मिलकर 50 से अधिक ग्राहकों को पोस्ट ऑफिस में एफडी, रिकरिंग डिपाजिट, टाइम डिपाजिट और मंथली इनकम स्कीम के नाम से रुपए वसूली करते रहे। बाद में उन्हें पता चला कि उनके नाम खातों में रकम ही जमा नहीं किया गया है। तब प्रदीप शर्मा सहित अन्य ने शिकायत दर्ज कराई। रायपुर के सरस्वती नगर थाने में उनके खिलाफ अलग-अलग केस दर्ज है। जिसमें 10 करोड़ रुपए से अधिक की राशि गबन करने का आरोप है।

पति की मौत, फरार है महिला

एजेंट भूपेंद्र पांडेय की रेलवे ट्रैक पर लाश मिली थी। बताया जा रहा है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद उसने आत्महत्या कर ली थी। जबकि,उसकी पत्नी आकांक्षा पांडेय फरार हो गई। पुलिस ने उनके खिलाफ जुलाई 2021 में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था।

हाईकोर्ट में लगाई याचिका

प्रदीप शर्मा के वकील पवन केशरवानी ने बताया कि महिला आकांक्षा पांडेय ने पहले पुलिस की कार्रवाई को चुनौती देते हुए धारा 482 के तहत हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसके बाद उनकी तरफ से हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी लगाई गई। इसे भी गुरुवार को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।

प्रोफेसर, वकील, अफसर ने दिए थे रुपए

बताया जा रहा है कि पोस्ट ऑफिस एजेंट ने 50 से अधिक लोगों के पैसे डाकघर में जमा ही नहीं किए। उनके पासबुक और एफडी के दस्तावेज पोस्ट ऑफिस के सील के साथ दिए गए थे। एजेंट के पास पैसा जमा करवाने वालों में ज्यादातर विवि के प्रोफेसर, वकील, अफसर और कुछ नेता हैं। उन्हें जब इस फर्जीवाड़े का पता चला तब उन्होंने पुलिस से शिकायत की।

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