नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी 30 जुलाई को मन की बात प्रोग्राम के जरिए देशवासियों से बात की। मन की बात के 103वें एपिसोड को सुबह 11 बजे टेलीकास्ट किया गया।
कार्यक्रम में PM मोदी ने शहीदों के सम्मान में ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान चलाने की घोषणा की। उन्होंने कहा- आज देश में अमृत महोत्सव की गूंज है, 15 अगस्त पास ही है। शहीद वीर-वीरांगनाओं को सम्मान देने के लिए ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान शुरू होगा।
इसके तहत देश-भर में हमारे शहीदों की याद में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन विभूतियों की याद में, देश की लाखों ग्राम पंचायतों में विशेष शिलालेख भी स्थापित किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के लिए जैसे पूरा देश एक साथ आया था। वैसे ही हमें इस बार भी फिर से हर घर तिरंगा फहराना है और इस परंपरा को लगातार आगे बढ़ाना है।
देश के अलग-अलग हिस्सों से आई मिट्टी से बनेगी अमृत वाटिका
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस अभियान के तहत देश-भर में ‘अमृत कलश यात्रा’ भी निकाली जाएगी। देश के गाँव-गाँव से, कोने-कोने से 7500 कलशों में मिट्टी लेकर ये यात्रा देश की राजधानी दिल्ली पहुचेंगी। ये यात्रा अपने साथ देश के अलग-अलग हिस्सों से पौधे लेकर भी आएगी। 7500 कलश में आई मिट्टी और पौधों से नेशनल वॉर मेमोरियल के पास अमृत वाटिका बनाई जाएगी।
पीएम बोले- सावन का मतलब ही आनंद और उल्लास है
पीएम ने कहा- इस समय सावन का महीना चल रहा है। महादेव की आराधना के साथ सावन हरियाली और खुशहाली से जुड़ा होता है। इसका बहुत महत्व रहा है। सावन के झूले, सावन की मेंहदी, सावन के उत्सव। सावन का मतलब ही आनंद और उल्लास है।
इस आस्था और परंपराओं का एक पक्ष और भी है। ये हमें गतिशील बनाते हैं। शिव अराधना के लिए कितने ही भक्त कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं। 12 ज्योतिर्लिंगों पर भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। बनारस पहुंचने वाले लोगों की संख्या रिकॉर्ड तोड़ रही है। हर साल वहां 10 करोड़ से ज्यादा पर्यटक पहुंच रहे हैं। अयोध्या, मथुरा और उज्जैन पहुंचने वालों की संख्या भी बढ़ रही है।’
PM ने कहा- 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवर बनाए जा रहे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- अभी 50 हजार से ज्यादा अमृत सरोवर बनाने का काम चल रहा है। देशवासी पूरी जागरुकता और जिम्मेदारी के साथ जल संरक्षण के लिए प्रयास कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में एक दिन में 30 करोड़ पेड़ लगाने का रिकॉर्ड बनाया गया है। राज्य सरकार ने अभियान की शुरुआत की और लोगों ने इसे पूरा किया। ऐसे प्रयास जनभागीदारी के साथ जन जागरण के बड़े उदाहरण हैं। हम सब भी पेड़ लगाने और पानी बचाने के प्रयासों का हिस्सा बनें।
पीएम बोले- शहडोल में बन रहा है मिनी ब्राजील
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘कुछ समय पहले मैं MP के शहडोल गया था। वहां आदिवासी भाइयों से मुलाकात हुई। पकरिया गांव के आदिवासियों ने प्रकृति और जल संरक्षण के लिए काम कर दिया है। 100 कुओं को वाटर रिचार्ज सिस्टम में बदल दिया है। बारिश का पानी इन कुओं में जाता है और वहां से जमीन में। सभी गांववालों ने 800 कुओं को रिचार्ज के लिए उपयोग में लाने का लक्ष्य बनाया है।
MP के शहडोल में विचारपुर गांव है, इसे मिनी ब्राजील कहा जाता है। ये गांव आज उभरते सितारों का गढ़ बन गया है। यहां मेरी मुलाकात इन खिलाड़ियों से हुई। विचारपुर गांव के मिनी ब्राजील बनने की यात्रा 2 दशक पहले शुरू हुई। यह कभी नशे का शराब का गढ़ था।
रईस अहमद जो पूर्व फुटबॉलर हैं और कोच हैं, उन्होंने युवाओं को फुटबॉल सिखाना शुरू किया। अब विचारपुर की पहचान फुटबॉल से होने लगी। फुटबॉल क्रांति नाम से एक प्रोग्राम चल रहा है।
शहडोल के विचारपुर से 40 नेशनल और स्टेट लेवल प्लेयर निकले
पीएम ने बताया कि विचारपुर से नेशनल और स्टेट लेवल के 40 से ज्यादा खिलाड़ी निकले हैं। काफी बड़े इलाके में 1200 से ज्यादा फुटबॉल क्लब बन गए हैं। कई पूर्व खिलाड़ी और कोच यहां युवाओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं।
एक आदिवासी इलाका जो अवैध शराब के लिए जाना जाता था, नशे के लिए बदनाम था, वो आज देश की फुटबॉल नर्सरी बन गया है। जहां चाह, वहां राह। प्रतिभाओं की कमी नहीं है। उन्हें तलाशने और तराशने की जरूरत है।
अमेरिका ने 100 से ज्यादा दुर्लभ कलाकृतियां लौटाईं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- अमेरिका ने हमें सौ से ज्यादा दुर्लभ और प्राचीन कलाकृतियां वापस लौटाई हैं | ये कलाकृतियाँ ढाई हजार साल से लेकर ढाई सौ साल तक पुरानी हैं। इनका नाता देश के अलग-अलग क्षेत्रों से है | 2016 और 2021 में भी जब मैंने अमेरिका की यात्रा की थी, तब भी कई कलाकृतियां भारत को लौटाई गई थी। इस खबर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर इन कलाकृतियों को लेकर खूब चर्चा हुई। युवाओं में अपनी विरासत के प्रति गर्व का भाव दिखा।
उज्जैन में 18 कलाकर बना रहे चित्रकथाएं
प्रधानमंत्री ने कहा- हम न केवल अपनी विरासत को अंगीकार करें, बल्कि उसे जिम्मेदारी से साथ विश्व के सामने प्रस्तुत भी करें | मुझे खुशी है कि ऐसा ही एक प्रयास इन दिनों उज्जैन में चल रहा है | यहाँ देशभर के 18 चित्रकार, पुराणों पर आधारित आकर्षक चित्रकथाएँ बना रहे हैं।
ये चित्र, बूंदी शैली, नाथद्वारा शैली, पहाड़ी शैली और अपभ्रंश शैली जैसी कई विशिष्ट शैलियों में बनेंगे | इन्हें उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा, यानी कुछ समय बाद जब आप उज्जैन जाएंगे, तो महाकाल महालोक के साथ-साथ एक और दिव्य स्थान के आप दर्शन कर सकेंगे।