रायपुर। छत्तीसगढ़ में भी दिल्ली के तर्ज पर बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन पर डॉक्टरों की निगरानी में रहने की अनुमति दे दी गई है. दुर्ग जिले में ट्रायल बेस पर आईसोलेशन की प्रक्रिया शुरू की गई है. दुर्ग में सफलता मिलने पर अन्य जिलों को अनुमित दी जाएगी. यह फैसला प्रदेश में बढ़ते मरीजों की संख्या देखते हुए बेड की कमी को दूर करने के लिए लिया गया है.
राज्य कोरोना कंट्रोल एवं डिमांड डेस्क के पीआरओ डॉ. सुभाष पांडेय ने बताया कि प्रदेश में लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसके मद्देनजर सुविधा के लिए होम आईसोलेशन को विकल्प निकाला गया है. दुर्ग जिले में इसकी शुरूवात की गई है. इसके लिए मांपदंड बनाए गए हैं. मरीजों को होम में रखने के लिए पर्याप्त व्यवस्था जैसे अलग शौचालय, अलग रूम, निरंतर निगरानी करने वाले व्यक्ति, डॉक्टरों के अनुसार दवा खाना की व्यवस्था के होने के बाद रखा जा रहा है. इस जिले में सफलता मिलने के बाद प्रदेश के अन्य जिलों में अनुमति दी जाएगी.
उन्होंने आगे बताया कि लगातार सैंपल जांच के दर में बढ़ोत्तरी हो रही है. जिसके कारण मरीज चिन्हित हो रहे हैं और हमारा टारगेट है कि एक दिन में 10 हजार सैंपल का जांच कर सके, क्योंकि अभी वर्तमान समय में करीब 6 हजार सैंपल जांच हो रही है. प्रदेश में मरीजों की संख्या 6 हजार हो गया है, तो वहीं 17 सौ लगभग मरीजों का इलाज करा रहे हैं. आगे चलकर टेस्ट ज्यादा होगा, तो मरीज भी मिलेगे. इसलिए आगे बेट की कमी को दूर करने के लिए होम आईसोलेशन पर ट्रायल किया जा रहा है.