बिलासपुर में साइबर ठगों के बड़े नेटवर्क में शामिल आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ के बिलासपुर में साइबर ठगों के बड़े नेटवर्क में शामिल आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा है। ये आरोपी साइबर ठगों के लिए म्यूल बैंक अकाउंट उपलब्ध कराते थे। इसके साथ ही साइबर ठगों को मोबाइल सिम भी उपलब्ध कराते थे। इनके ऐसे 60 बैंक अकाउंट की पहचान की गई है, जिसमें 3 करोड़ से अधिक का ट्रांजैक्शन हुआ है।

पुलिस ने जांच के बाद बैंक कर्मी, कारोबारी सहित 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। साथ ही उनके खातों में जमा 97 लाख रुपए को होल्ड कराया है। बैंक खाता और सिम कार्ड उपलब्ध कराने के लिए साइबर ठग उन्हें 25 हजार रुपए से 1 लाख रुपए तक कमीशन देते थे।

एडिशनल एसपी राजेंद्र जायसवाल ने बताया कि इस गिरोह के सदस्य ऑनलाइन लोन, केवाईसी अपडेट, नौकरी और शेयर ट्रेडिंग का झांसा देने के साथ ही सेक्सटॉर्शन के जरिए लोगों से ठगी करते थे। यह नेटवर्क दिल्ली और अलवर तक फैला हुआ था।

नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल के जरिए निगरानी

दरअसल, साइबर फ्रॉड के केस पर नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल के जरिए निगरानी की जा रही है। जिसकी जांच में 300 से ज्यादा फर्जी बैंक अकाउंट और सिम कार्ड का पता चला है। जिसे नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर संदिग्ध पाए गए बैंक खातों की पहचान कर उसे म्यूल बैंक अकाउंट बताया गया है।

रेंज से संबंधित ऐसे बैंक खातों की जांच के दौरान पीड़ितों से संपर्क कर घटना के संबंध में जानकारी ली गई। इसके बाद मनी म्यूल बैंक अकाउंट्स और फर्जी सिम कार्ड बेचने वाले पीओएस एजेंट के जरिए आरोपियों तक पहुंचने की योजना बनाई गई।

10 टीमों ने 20 जगहों पर एक साथ की छापेमारी

साइबर अपराधियों की मदद करने वालों को पकड़ने के लिए आईजी डॉ. संजीव शुक्ला की मॉनिटरिंग में एसपी रजनेश सिंह के निर्देशन में ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें 10 टीमों ने 20 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। रेंज साइबर थाने और एसीसीयू टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए फर्जी बैंक खातों को सीज किया।

इस दौरान टीम ने पीओएस फर्जी सिम बेचने वाले दुकानदार, कोटक महिंद्रा और एक्सिस बैंक के कर्मचारी समेत 19 लोगों को गिरफ्तार किया है।

अमन-अमित को रोज मिलता था टारगेट

पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि ठगों को बैंक खाते उपलब्ध कराने वालों में सबसे ज्यादा एक्टिव कोटा का अमन तिवारी और जयरामनगर का अमित पाल था। इन दोनों को रोज सुबह वाट्सएप मैसेज के माध्यम से बैंक खाते और सिम कार्ड के लिए टारगेट दिया जाता था। इसके एवज में दोनों को बैंक अकाउंट ब्लॉक होते तक एक खाते के हिसाब से हर दिन दो हजार रुपए मिलते थे।

दूसरे राज्यों में 25 हजार से 1 लाख इसलिए शामिल किए गए बिलासपुर के युवक

सीएसपी निमितेश सिंह ने बताया कि दूसरे राज्यों में बैंक खाता उपलब्ध कराने वालों को साइबर ठग मोटी रकम देते हैं। छत्तीसगढ़ में उनका काम सस्ते में हो रहा था। यहां उनसे जुड़े लोगों को ठग रोज सुबह नए अकाउंट और मोबाइल नंबर उपलब्ध कराने पर बैंक खाते के लिए एक हजार से दो हजार और सिम के लिए 500 से 1000 रुपए देते थे।

जबकि, दूसरे राज्यों में सेविंग बैंक खाते के लिए 25 हजार और करंट अकाउंट पर 1 लाख रुपए देना पड़ रहा था।