छत्तीसगढ़ में गर्भवती माताओं में एनिमिया और बच्चों में कुपोषण की स्थितियां गंभीर है। अगली पीढ़ी को कुपोषण के चक्र से मुक्त कराने के लिए महिलाओं को ही जंग लड़नी होगी। यह बातें नाबार्ड और सोसाइटी फॉर इंटीग्रेटेड रुरल डेवलेपमेंट की ओर से ग्राम बोरीगारका में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षाविद व समाजसेवी डॉ. डीएन शर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि महिलाएं एकजुट होकर अपना कौशल विकास करते हुए अपने सामाजिक व आर्थिक संबलीकरण को एक यथार्थ बनाएं। इससे पहले नाबार्ड की जिला विकास प्रबंधक अंशु गोयल ने महिलाओं को व्यवसाय अपना कर आर्थिक रूप से समृद्ध बनने के लिए प्रेरित किया।
समाजसेवी बी.पोलम्मा ने कहा कि महिला स्व सहायता समूहों के लिए व्यावसायिक रूप से आगे बढ़ कर आर्थिक रूप से भी आत्म निर्भर होने का उपयुक्त समय है। सोसाइटी फॉर इंटीग्रेटेड रुरल डेवलेपमेंट की अध्यक्ष वीणापाणि खरे ने महिलाओं के लिए डिजिटल लिट्रेसी कार्यक्रम बनाने पर बल दिया। संस्था के सचिव एसके खरे ने महिलाओं को पर्यावरण संरक्षण मे महती भूमिका के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में ग्राम पउवारा की नव निर्वाचित महिला सरपंच मीना यादव एवं ग्राम बोरीगारका के नव निर्वाचित सरपंच चुम्मन लाल यादव ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर लीलेश्वरी साहू, ओम बाई यादव, डोमिन साहू, पुष्पा साहू को नाबार्ड ने सम्मानित किया। कार्यक्रम समन्वयक पुष्पा साहू ने आभार प्रदर्शन किया।