छत्तीसगढ़ के रायपुर से एक मामला सामने आया है, दरअसल लॉकडाउन के चलते विवाह स्थगित करने पर होटल संचालक द्वारा एडवांस रकम नहीं लौटाने पर आयोग ने नाराजगी जताई। साथ ही होटल संचालक को एंडवास की रकम 1 लाख रुपए और मानसिक कष्ट और वाद व्यय का 7000 रुपए लौटाने का आदेश दिया।
आयोग ने पैसे लौटाने का दिया आदेश
वहीं होटल संचालक से पूछा कि कोरोना संक्रमण के दौरान पूरे क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित करने पर वह किस तरह व्यवस्था करते, जिसके लिए एडवांस रकम ली गई थी। यह होटल प्रबंधन का मनमाना कृत्य है। कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान पूरी दुनिया में सार्वजनिक गतिविधियां थम गई थी।
यह है मामला
गरियाबंद के फिंगेश्वर निवासी विकास कुमार गुप्ता ने 11 जनवरी को 2021 को अपने भाई के विवाह समारोह के लिए बिलासपुर स्थित होटल इंटरसिटी इंटरनेशनल को 4 लाख 91000 रुपए में बुक कराया। साथ ही 1 लाख रुपए एंडवास राशि जमा किया। यह विवाह 21 और 22 अप्रैल को होना था। कोविड-19 महामारी के कारण शासन द्वारा लॉक डाउन लगाये जाने पर विवाह को स्थगित करना पड़ा।
होटल प्रबंधन ने पल्ला झाड़ा
जिला फोरम में सुनवाई के दौरान होटल संचालक ने बचाव में कहा कि उन्हें विवाह स्थगन के संबंध में कोई मौखिक या लिखित सूचना नहीं दी गई। इसके कारण 21 और 22 अप्रैल को कोई बुकिंग नहीं ली गई। जिससे होटल को आर्थिक हानि हुई, जबकि लॉकडाउन के दौरान भी 50 से 100 व्यक्तियों को सम्मिलित कर आयोजनों की अनुमति थी।
आयोग में अपील
जिला फोरम के आदेश के खिलाफ विकास ने राज्य आयोग में अपील की। जहां आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरड़िया एवं सदस्य प्रमोद कुमार वर्मा ने मामले की सुनवाई की। इस दौरान दस्तावेजों का निरीक्षण करने पर पता चला कि 21 और 22 अप्रैल को होटल बुक किया गया था। लेकिन, कोविड-19 महामारी के कारण कलेक्टर द्वारा पूरे बिलासपुर जिले को 14 से 21 अप्रैल तक 2021 तक कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया था। इसके बाद फिर 5 मई 2021 तक विस्तार किया गया।