जिम्मेदारों की उदासीनता से मालवाहकों, मिनी ट्रकों में लोगों को बैठाकर ले जाने पर प्रतिबंध हवाहवाई साबित हो रहा है। यही वजह है कि खरोरा सड़क हादसे में 13 लोगों की मौत जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में आज भी मालवाहक वाहनों में बड़ी संख्या में लोगों को बैठाकर आना-जाना किया जा रहा है।इससे सड़क हादसे में कई लोगों की जान जा रही है। खरोरा सड़क हादसे में भी छट्ठी कार्यक्रम में शामिल होने मिनी ट्रक में सवार होकर करीब 40 लोग गए थे और उसी से वापसी के दौरान हादसा हो गया। परिवहन, पुलिस विभाग ऐसे मालवाहक वाहनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है।
19 की मौत के बाद लगा था प्रतिबंध
कवर्धा में 20 मई 2024 को तेज रफ्तार पिकअप पलटकर 20 फीट गहरे गड्ढे में गिर गई थी। इसमें सवार 18 महिलाओं और 1 पुरुष की मौत हो गई थी। हादसा कुकदूर थाना क्षेत्र के बाहपानी गांव के पास हुआ था। इसके बाद शासन ने मालवाहक वाहनों में सवारी ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। कुछ दिनों तक पुलिस ने कार्रवाई भी की। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
ग्रामीण इलाकों में आवागमन का बड़ा जरिया
ग्रामीण इलाकों में मालवाहक वाहन आवागमन का बड़ा जरिया है। वैवाहिक कार्यक्रम हो या अन्य कोई विशेष अवसर, ग्रामीण आने-जाने के लिए इन्हीं का इस्तेमाल करते हैं। इस कारण ग्रामीण इलाके में ही ऐसी घटनाएं ज्यादा हो रही हैं।