छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक बार फिर से हाथियों की संख्या बढ़ गई है। ऐसे में अलग-अलग जंगल में 152 हाथी विचरण कर रहे हैं। हाथी प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीणों के बीच डर का माहौल है, तो वन विभाग मुनादी कराकर लोगों को अकेले जंगल जाने से मना कर रहा है।
पिछले दिनों धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों की संख्या 90 से ज्यादा थी, लेकिन अब अलग-अलग हाथियों का दल रायगढ़ के जंगल में आ पहुंचा है।
रविवार की रिपोर्ट के अनुसार रायगढ़ वन मंडल में 97 हाथी विचरण कर रहे हैं और इसमें सबसे ज्यादा हाथी घरघोड़ा रेंज के कुडुमकेला क्षेत्र में 42 और देहरीडीह क्षेत्र में 23 हाथी मौजूद हैं।
इसके अलावा धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल रेंज में 10 हाथी हैं। बाकी जंगल में अलग-अलग झुंड में विचरण कर रहे हैं। रविवार की शाम को भी क्रोंधा से सेमीपाली रोड पर 2 हाथियों पार होते देखा गया। जिसके बाद हाथी मित्र दल द्वारा आसपास के गांव में सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।
मादा हाथियों की संख्या ज्यादा
बताया जा रहा है कि 2 वन मंडल में 152 हाथी हैं और इसमें मादा हाथियों की संख्या ज्यादा है। इसमें रायगढ़ वन मंडल नर 20, मादा 51 और 26 शावक हैं। धरमजयगढ़ वन मंडल में नर 14, मादा 22 और शावक 19 हैं। कुल नर हाथी की संख्या 34, शावक 45 और मादा हाथी 73 हैं।
गांव में कराई जा रही मुनादी
अमलीडीह गांव के अरूण कुमार पंडा ने बताया कि जब हाथी गांव के करीब होते हैं और वन विभाग द्वारा मुनादी कराई जाती है, तब गामीण सतर्क हो जाते हैं। इसके बाद खेतों के पास जमा हो जाते हैं। ताकि खेतों को बचाया जा सके।
रात में कभी भी आ सकते हैं हाथी
धरमजयगढ़ SDO बाल गोविंद साहू ने बताया कि हाथी अभी रायगढ़ की ओर गए हैं और रात में कभी लौट सकते हैं। हाथियों पर लगातार निगरानी की जा रही है। प्रभावित क्षेत्रों में मुनादी भी कराई गई है। कापू और धरमजयगढ़ रेंज में लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।