नई नंबर प्लेट लगाने के लिए शहर के लोगों को अभी भी परेशान होना पड़ रहा

Chhattisgarh Crimesनई नंबर प्लेट लगाने के लिए शहर के लोगों को अभी भी परेशान होना पड़ रहा है। परिवहन विभाग और नंबर प्लेट लगाने वाली कंपनियां बार-बार दावा कर रही है कि ऑनलाइन बुकिंग कराते ही नई नंबर प्लेट लगा दी जा रही है। लेकिन हकीकत में नई प्लेट के लिए एक से दो हफ्ते का समय लग रहा है।

इतना ही नहीं नई गाड़ी की खरीदी के बाद शो रुम वालों को भी नई नंबर प्लेट तुरंत नहीं मिल रही है। इसके लिए 48 घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है। इस वजह से नई गाड़ी खरीदने वालों को तुरंत गाड़ी देने के बजाय दूसरे दिन बुलाया जा रहा है।

एचएसआरपी नंबर प्लेट के लिए सबसे ज्यादा परेशानी 2019 के पहले गाड़ी खरीदने वालों को हो रही है। इन गाड़ियों का ऑनलाइन रिकार्ड नहीं है। इस वजह से उनका रिकार्ड मिलने में ही 10 से 15 दिन लग जाते हैं। जब तक वेरिफिकेशन नहीं हो जाता नई नंबर प्लेट जारी नहीं की जाती है।

इसके अलावा पांच से सात साल पुरानी गाड़ियों के नए नंबर प्लेट रजिस्ट्रेशन के लिए मोबाइल नंबर अपडेट नहीं मिलता। उस समय गाड़ी खरीदने वालों ने जो मोबाइल नंबर डाला होता है वो उनके पास नहीं होता है। ऐसे में अभी के नए मोबाइल नंबर से रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाता है। इसके लिए लोगों को पहले मोबाइल नंबर बदलवाना पड़ता है। उसके बाद ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होता है।

केस-1 : कंकालीपारा में रहने वाले जितेंद्र सिंह ने अपनी बाइक के नए नंबर प्लेट के लिए मई में आवेदन किया था। करीब दो माह बाद भी उसे नया नंबर प्लेट नहीं मिला। केस-2 : कायस्थपारा पुरानी बस्ती में रहने वाले अजय श्रीवास्तव ने करीब डेढ़ माह पहले नंबर प्लेट लगवाने के लिए आवेदन किया था। लेकिन अभी तक उन्हें नंबर प्लेट नहीं मिली। कंपनी वाले बहाना कर रहे। केस-3 : डीडी नगर में रहने वाले आशीष तिवारी ने नंबर प्लेट के लिए आवेदन किया। दो सप्ताह तक कुछ भी नहीं हु​आ। बार-बार शिकायत दर्ज कराई तो अब जाकर उन्हें प्लेट दी गई है।

आठ लाख से ज्यादा गाड़ियां सड़कों से बाहर

परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में 80 लाख से ज्यादा वाहन पंजीकृत हैं। इनमें दोपहिया, तीन पहिया, मालवाहक, ऑटो और सभी तरह की गाड़ियां शामिल हैं। बताया जा रहा है कि 2019 के पहले के करीब 50 लाख वाहनों का पंजीयन भी इसमें शामिल हैं। करीब 8 लाख गाड़ियां जर्जर और खराब होने और 20 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियां सड़कों से बाहर हो चुकी हैं। यानी इन्हें अब रनिंग कंडीशन में नहीं माना जाता है। इन गाड़ियों को नया नंबर प्लेट भी इश्यू नहीं किया जाएगा।

जिलों के नंबर भी गलत प्रिंट हो रहे दैनिक भास्कर की पड़ताल में पता चला है कि लोगों के पास एक ही नंबर वाली कई प्लेट की सप्लाई कर दी जा रही है। यानी जो नंबर प्लेट एक गाड़ी मालिक का है उसी नंबर प्लेट को दूसरे गाड़ी मालिक को दे दिया जा रहा है। लोग इसकी शिकायत करते हैं तो कंपनी वाले नंबर प्लेट वापस ले लेते हैं। लेकिन नया नंबर प्लेट देने में हफ्तों लगा दे रहे हैं। इसके अलावा जिलों की नंबरिंग भी गलत की जा रही है। रायपुर के लिए सीजी 04 वालों को कभी सीजी 40 कर दिया जा रहा है तो कभी 05-06 कर दिया जा रहा है।

रायपुर में 2.66 लाख गाड़ियों में लगेगी नई प्लेट रायपुर जिले में 2 लाख 66 हजार 451 गाड़ियों में नई नंबर प्लेट लगाई जानी है। इसमें अभी तक करीब 50 हजार लोगों को नई प्लेट मिल पाई है। लोग लगातार ऑनलाइन बुकिंग कर रहे हैं, लेकिन उतनी तेजी से नंबर प्लेट नहीं लग रही है। परिवहन विभाग के अफसर कंपनी वालों से कई बार स्टाफ, मशीन और काउंटर बढ़ाने के लिए बोल चुके हैं। लेकिन कंपनी अपनी मर्जी से ही काम कर रही है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि विभाग के अफसर कंपनी वालों को कोई नोटिस नहीं दे रहे और न ही उन पर कोई कार्रवाई की जा रही है।

स्टाफ-मशीनें दोगुनी बढ़ाई ^ नए नंबर प्लेट लगाने अभी कोई परेशानी नहीं है। रायपुर ही नहीं राज्यभर में लगातार नए सेंटर खोले जा रहे हैं। स्टाफ भी पहले से दोगुना कर दिया गया है। जिनके पास दस्तावेजों की कमी है उन्हीं को नंबर प्लेट देने में देर हो रही है।