छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में 100 से अधिक हाथियों की मौजूदगी है। रविवार की रात जंगल से निकलकर हाथियों का झुंड गांवों तक पहुंच गया। हाथियों ने एक झोपड़ी, एक कच्चे मकान को तोड़ दिया। एक बोर मशीन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। सुबह वन विभाग नुकसान का आकलन कर रही है।
दरअसल, धरमजयगढ़ वनमंडल के छाल और कापू वन परिक्षेत्र में हाथियों ने काफी उत्पात मचाया। 21 हाथियों का दल भोजन की तलाश में रात में लोटान बीट के कटाईपाली सी पहुंचा। यहां हाथियों ने बालाराम राठिया की झोपड़ी ढहा दी। ग्रामीणों ने शोर मचाया तो हाथियों का दल पुसल्दा गांव की ओर बढ़ गया।
कापू रेंज में फसल और मकान क्षतिग्रस्त
ग्रामीणों और वन विभाग को हाथियों के गांव के पास पहुंचने की जानकारी मिलते ही हाथियों को भगाने का प्रयास किया गया। देर रात हाथी वापस लोटान और बोजिया के जंगलों में चले गए। इसी दौरान 17 हाथियों के एक अन्य दल ने तेंदुमुड़ी और हाटी गांव के पास पहुंचकर वहां रखी बोर मशीन को क्षतिग्रस्त कर दिया।
कापू रेंज में भी हाथियों ने फसलों और मकानों को नुकसान पहुंचाया। 7 हाथियों का एक दल गेहूबाड़ी गांव पहुंचा और वहां धान, केला, बांस, कटहल सहित अन्य फसलों को खा और रौंदकर बर्बाद कर दिया। इसके अलावा 2 हाथियों के एक अलग दल ने सकालो गांव में एक कच्चा मकान तोड़ दिया। देर रात सभी हाथी वापस जंगल की ओर लौट गए।
टीमें और ट्रैकर हाथियों की निगरानी कर रहे
छाल वन परिक्षेत्र के रेंजर चंद्रविजय सिंह सिदार ने बताया कि, हाथियों ने मकान, झोपड़ी और बोर मशीन को नुकसान पहुंचाया है। इसका आकलन किया जा रहा है ताकि मुआवजे की रिपोर्ट तैयार की जा सके। वन विभाग की टीमें और ट्रैकर हाथियों की निगरानी कर रहे हैं। साथ ही आसपास के गांवों में मुनादी कर लोगों को सतर्क कर दिया गया है।