छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में लगातार बारिश से सभी नदी नाले खेत खलिहान उफान पर थे। बारिश बंद होने के बाद जलस्तर घटने से स्थिति सामान्य हो गई है। लेकिन नगपुरा गांव में लगभग 300 एकड़ की धान और अन्य फसल अभी भी डूबी हुई है।
पीड़ित किसानों के मुताबिक, गांव में अवैध प्लाटिंग से पानी निकासी का रास्ता बंद हो गया है। जिसका स्थायी समाधान किसान चाहते है। आक्रोशित किसानों ने चक्काजाम की चेतावनी दी है।
किसान अपनी समस्या को लेकर ग्रामीण कलेक्टर से पिछले 3 साल से गुहार लगा चुके हैं। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं, कलेक्टर ने निरीक्षण तर समाधान का आश्वासन दिया है।
अवैध प्लाटिंग से पानी निकासी का रास्ता बंद
पिछले 5 सालों से खेतों में जल भराव की समस्या झेल रहे चेतन यादव, सुरेश सिन्हा, इरेंद्र यादव, प्रदीप देवांगन, हेमलाल सिन्हा, हेमचंद धनकर सहित सैकड़ों किसानों ने अपने दर्द साझा किया।
70 साल के बुजुर्ग किसान बिसौहा राम धनकर ने बताया कि कहा कि वह पीढ़ियों से खेती करते आ रहे हैं। उनके खेतों का पानी आसानी से निकलता था। लेकिन रोड के उस पार पानी निकालने के रास्ते को अवैध प्लाटिंग करने वालों ने बंद कर दिया है।
नगपुरा जालबांधा रोड के बाएं तरफ उनकी खेत पहली ही बारिश में डूब गई है। पहले पानी आसानी से निकल जाता था। लेकिन अवैध प्लाटिंग करने वालों ने पानी निकासी का रास्ता बंद कर दिया हैं।
जल्द समस्या के समाधान की मांग
किसानों का कहना है कि जब सर्वे में पटवारी आए थे तब नक्शे में पानी का रास्ता कोई अलग जगह बता रहा था। किसानों ने बताया कि पटवारी के अनुसार सरकारी रिकॉर्ड में पानी निकासी का रास्ता इन खेतों के लेवल से ऊपर है। हम चाहते हैं की रास्ता जो भी निकले हम किसानों की समस्या का हल हो।
आक्रोशित किसानों ने कहा है कि अब यदि हम किसानों की सुनवाई नहीं होगी तो हम चक्का जाम करेंगे और आंदोलन करेंगे।
3 साल से मिल रहा आश्वासन
किसान आकाश सेन ने बताया कि पिछले साल एसडीएम आए थे मौके का पंचनामा किया और चले गए। किसानों का स्थायी समाधान अब तक नहीं निकल पाया। प्रशासनिक अधिकारी केवल कागजों पर काम करते हैं मौके पर कोई काम नहीं दिखता।
हम सभी किसानों को 3 साल से केवल आश्वासन ही मिल रहा है। हम चाहते हैं कि किसी का भी नुकसान ना हो। शासन के द्वारा हमें फसलों के नुकसान का मुआवजा भी हमें नहीं मिलता।
हमने इस 100 एकड़ की फसल को बचाने के लिए वैकल्पिक तरीके से पानी की निकासी की है । इसका दुष्परिणाम रहा की इससे दूसरे तरफ की 200 एकड़ की फसल डूब गई। अब यह पानी 36 एकड़ के तालाब में भर रहा है। अब बांध भी फूटने के कगार पर है जिससे फिर सैकड़ों एकड़ की फसल डूब जाएगी।
अधिकारियों ने दिया आश्वासन
दुर्ग कलेक्टर अभिजीत सिंह का कहना है कि अभी आपके माध्यम से जानकारी मिली है, पानी निकासी की व्यवस्था बनवाई जाएगी। इसके लिए राजस्व अधिकारियों को मौके पर भेज कर निरीक्षण करवा लेंगे की क्या दिक्कत है और उसका निराकरण किया जाएगा।