कोंडागांव जिले में 2 अलग अलग कार्यक्रम का आयोजन हुआ

Chhattisgarh Crimesकोंडागांव जिले में 2 अलग अलग कार्यक्रम का आयोजन हुआ। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के तहत जिला पंचायत सभाकक्ष में आईएफसी क्लस्टर की कार्यशाला लगाई गई।

वहीं, बीआरसी भवन में बहुभाषा शिक्षण का दो दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हुआ। जिसके तहत बच्चों को उनकी मातृभाषा हल्बी के माध्यम से हिंदी सिखाया गया। जिले के पांचों विकासखंडों से 50 शिक्षकों ने इस प्रशिक्षण में हिस्सा लिया।

पहला कार्यक्रम, क्लस्टर की कार्यशाला

जिला पंचायत सीईओ अविनाश भोई के मार्गदर्शन में 17 जुलाई को यह बैठक हुई। जिला मिशन प्रबंधक विनय सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की। इसमें सभी विकासखंड परियोजना प्रबंधक और नव नियुक्त आईएफसी एंकर मौजूद थे।

योजना के तहत जिले के पांच विकासखंडों में 4400 परिवारों को लाभान्वित किया जाएगा। बड़ेराजपुर में 600, केशकाल में 900, कोंडागांव में 1000, माकड़ी में 1000 और फरसगांव में 900 परिवारों को शामिल किया जाएगा। इन क्षेत्रों में सब्जी उत्पादन, मक्का उत्पादन और पोल्ट्री जैसी कृषि आधारित गतिविधियां शुरू की जाएंगी।

महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ‘उड़ान महिला कृषक प्रोड्यूसर कंपनी’ और ‘मांझीगढ़ महिला कृषक प्रोड्यूसर कंपनी’ के माध्यम से किसानों को खाद, बीज और कृषि सामग्री उचित दरों पर उपलब्ध कराई जाएगी। प्रत्येक क्लस्टर में लाइवलीहुड सर्विस सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इससे महिलाओं को “लखपति दीदी” बनने का अवसर मिलेगा।

कार्यशाला में अगले तीन वर्षों की कार्ययोजना तैयार की गई है। मिशन प्रबंधक ने सभी एंकरों से जनभावना से जुड़कर काम करने की अपील की है। यह योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मददगार साबित होगी।

दूसरा कार्यक्रम, बहुभाषा शिक्षण का प्रशिक्षण

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, रायपुर के निर्देशन और डायट बस्तर के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। प्रशिक्षण में भाषाई ज्ञान के साथ-साथ सांस्कृतिक जुड़ाव और बच्चों की मनोवैज्ञानिक समझ पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

कोंडागांव, माकड़ी, केशकाल, फरसगांव और बड़े राजपुर के आश्रम शालाओं के शिक्षक इस प्रशिक्षण में शामिल हुए हैं। पहले दिन मास्टर ट्रेनर श्रवण मानिकपुरी ने भाषा और बहुभाषा की अवधारणा को स्थानीय कहावतों और उदाहरणों के माध्यम से समझाया।

दूसरे सत्र में मास्टर ट्रेनर हरे राम पटेल ने स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण का उदाहरण देते हुए मातृभाषा के महत्व को समझाया।

ब्लॉक स्तर पर पहुंचा जनदर्शन कार्यक्रम

जिले में प्रशासन ने लोगों की सुविधा के लिए जनदर्शन कार्यक्रम को ब्लॉक स्तर तक पहुंचा दिया है। अब लोगों को अपनी समस्याएं बताने के लिए 150-200 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय जाने की जरूरत नहीं होगी। हर मंगलवार को जनता अपने ब्लॉक मुख्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कलेक्टर से बात सकेंगे।

कलेक्टर नूपुर राशि पन्ना ने कहा कि मानसून में किसानों की व्यस्तता को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। इस नई व्यवस्था का फायदा पहले ही दिखने लगा है। केशकाल के निवासी कृष्णदत्त उपाध्याय ने शहर की खराब सड़कों की समस्या उठाई है। उन्होंने बताया कि सड़कों पर मलबा और धूल से लोगों को स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं।

कलेक्टर ने नेशनल हाईवे विभाग को तुरंत मरम्मत के निर्देश दिए है। यह पहल खासकर बुजुर्गों, महिलाओं और किसानों के लिए राहत लेकर आई है। प्रशासन की योजना है कि भविष्य में स्वास्थ्य, शिक्षा, राजस्व और कृषि जैसे विभागों को भी इस प्रणाली से जोड़ा जाएगा। इससे सरकारी सेवाएं ब्लॉक स्तर पर ही उपलब्ध हो सकेंगी।