छत्तीसगढ़ में शहरी सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था की बदहाली को लेकर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने बताया कि, बिलासपुर में 9 में से 5 सिटी बसें चल रही है। हाईकोर्ट ने कहा कि, आवाजाही में लोगों को लगातार असुविधा हो रही है। फिर भी परिवहन व्यवस्था नहीं सुधर रही है। हालांकि, शासन की तरफ से सुविधा के लिए ई-सिटी बसों का परिचालन करने की जानकारी दी गई है।
दरअसल, सिटी बसों की बदहाली को लेकर हाईकोर्ट स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई कर रहा है। पूर्व में परिवहन सचिव को शपथ पत्र के साथ जवाब मांगा गया है। मंगलवार को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई।
इस दौरान शासन की तरफ से बताया गया कि, प्रदेश में शहरी परिवहन व्यवस्था साल 2012-13 में शुरू की गई थी। जिसके तहत 9 शहरी समूहों में कुल 451 बसें शुरू की गई थीं। बिलासपुर के लिए 9 बसें उपलब्ध थीं। जिनमें 6 अभी चालू हालत में हैं, लेकिन वर्तमान में केवल 5 बसें ही सड़कों पर चल रही हैं। बाकी बसें मरम्मत के बाद सेवा में लौटेंगी।
कोविड और पुराने बसों की दुर्दशा बनी बड़ी वजह
राज्य सरकार ने अपने शपथपत्र में बताया कि, कोविड महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन के कारण साल 2020-2021 में सिटी बसों का संचालन बंद कर दिया गया था। इसके चलते कई बसें खड़ी-खड़ी खस्ताहाल हो गईं और अब उनमें से अधिकांश मरम्मत की स्थिति में नहीं हैं। ये बसें साल 2014-15 में शुरू की गई थीं और लगभग 10 साल पुराने हो चुके हैं।
हाईकोर्ट ने कहा- जवाब असंतोषजनक, जल्दी हो सुधार
इस जानकारी पर हाईकोर्ट ने असंतोष जताते हुए कहा कि, बिलासपुर जैसे बड़े शहर में सार्वजनिक परिवहन की हालत बेहद खराब है। कोर्ट ने परिवहन विभाग को स्थिति में जल्द सुधार लाने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी।
इलेक्ट्रिक बसें चलाने की है योजना, दिवाली के बाद हो सकती है शुरू
शपथ पत्र के अनुसार, भारत सरकार की प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत छत्तीसगढ़ के चार प्रमुख शहरों दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर और कोरबा के लिए 140 इलेक्ट्रिक बसें स्वीकृत की गई हैं। रायपुर के लिए अलग से 100 मिडी बसों की मंजूरी दी गई है। कुल मिलाकर राज्य में 240 इलेक्ट्रिक बसों चलाने की योजना है।
इसके साथ ही देशभर में 4,588 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए 14 मार्च 2024 को एकीकृत निविदा जारी की गई है। छत्तीसगढ़ को इस योजना के तहत 67.40 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत हुई है, जिसमें 36.62 करोड़ रुपए बस डिपो और बीटीएम विद्युत अवसंरचना के लिए हैं। ये कार्य वर्तमान में निर्माणाधीन हैं।
बताया गया कि दीपावली के बाद शहर में ई-बसें पहुंच सकती है। ई-बस शुरू होने के बाद ही शहरवासियों की परेशानी दूर होगी।