बिलासपुर के बिलासा देवी एयरपोर्ट में सुविधाओं के विस्तार पर देरी को लेकर हाईकोर्ट ने केंद्र-राज्य सरकार के सुस्त रवैये पर कड़ी नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा है कि आप स्टेटमेंट दे दीजिए कि सरकार कुछ नहीं कर पाएगी, हम पीआईएल खत्म कर देते हैं। बिलासपुर का भाग्य कभी तो जागेगा।
कोर्ट ने ये भी कहा कि राज्य और केंद्र दोनों जगह आपकी ही सरकार है, फिर भी यह हाल है। अधिकारियों के बॉडी लैंग्वेज से लगता ही नहीं कि वे कुछ करना चाहते हैं। हाईकोर्ट ने एक बार फिर मुख्य सचिव और रक्षा मंत्रालय के सचिव से अगली सुनवाई में शपथ पत्र के साथ काम की प्रगति की जानकारी मांगी है।
जानिए कोर्ट रूम से लाइव…चीफ जस्टिस क्यों हुए नाराज
केस की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने जवाब में कुछ फोटोग्राफ्स प्रस्तुत किए। साथ ही दावा किया कि एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग से जुड़े कार्य प्रगति पर है। लेकिन, तस्वीरें देखकर चीफ जस्टिस सिन्हा भड़क गए।
उन्होंने सख्ती दिखाते हुए कहा कि- क्या दिख रहा है इन तस्वीरों में? एक गाड़ी खड़ी है, पीछे दो-चार लोग खड़े हैं। काम कहां हो रहा है? जरा हमें भी दिखाइए।
चीफ जस्टिस बोले- कभी तो जागेगा बिलासपुर का भाग्य
चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने कोर्ट में स्पष्ट कहा- हर बार सुनवाई पर समय मांगा जाता है। लेकिन, जमीनी हकीकत कुछ और है। समय मांगने के बाद भी कुछ नहीं होता।
उन्होंने कहा कि अफसरों की बाडी लैंग्वेज देखकर ही लगता है कि उन्हें काम करने की कोई इच्छा नहीं है। लगता है जब नई सरकार आएगी, तब शायद बिलासपुर का भाग्य जगेगा।
डिफेंस ने दे दी थी मंजूरी, फिर क्यों अटका काम?
याचिकाकर्ताओं की ओर से बताया गया कि रक्षा मंत्रालय पहले ही 286 एकड़ जमीन पर रनवे विस्तार और अन्य कार्यों की अनुमति राज्य सरकार को दे चुका है। इस पर कोर्ट ने सरकार से सवाल किया कि जब अनुमति मिल गई, तो अब क्या दिक्कत है?
इस पर बताया गया कि रक्षा मंत्रालय जमीन के बदले ज्यादा रकम की मांग कर रहा है, जबकि राज्य सरकार चाहती है कि पहले जमीन उसके नाम हो, तभी आगे का काम शुरू किया जाए।
कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी और डिफेंस सेक्रेटरी से मांगा जवाब
एडवोकेट प्रफुल्ल एन भारत ने कोर्ट को बताया कि जमीन के एवज में रक्षा मंत्रालय ने अधिक राशि की मांग की है, जिसे लेकर मामला अटका हुआ है। राज्य सरकार पहले जमीन अपने नाम कराना चाहती है, उसके बाद आगे कार्य शुरू होगा।
अदालत ने मामले को गंभीर मानते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव और रक्षा सचिव को तलब किया है और उनसे शपथ-पत्र सहित विस्तृत जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है।
एयरपोर्ट के विस्तार और सुविधाओं को लेकर सुनवाई
दरअसल, बिलासपुर के चकरभाठा स्थित बिलासा देवी एयरपोर्ट के डेवलपमेंट, 3 सी से 4 सी कैटेगरी में अपग्रेड करने के साथ ही नाइट लैंडिंग की सुविधा, महानगरों के लिए सीधी उड़ान जैसी मांगों को हाईकोर्ट में दो जनहित याचिकाएं लंबित है। जिसकी लंबे समय से सुनवाई चल रही है।
हाईकोर्ट भी एयरपोर्ट में सुविधाओं के विस्तार को लेकर गंभीर है। लेकिन, एयरपोर्ट शुरू होने के चार साल बाद भी सुविधाएं नहीं मिल पाई है। वहीं, काम की रफ्तार भी नहीं बढ़ पा रही है। रक्षा मंत्रालय से जमीन का हस्तांतरण समेत कई प्रक्रियाएं अटकी हुई हैं।
25 जुलाई को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट आशीष श्रीवास्तव और एडवोकेट संदीप दुबे ने एयरपोर्ट के मौजूदा स्थिति की जानकारी दी। इस पर चीफ जस्टिस ने नाराजगी जताते हुए महाधिवक्ता से कहा कि आप स्टेटमेंट दे दीजिए कि सरकार कुछ नहीं कर पाएगी, हम पीआईएल खत्म कर देते हैं।