छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 11 हॉस्टल अधीक्षक और 11 प्रिंसिपल को जिला शिक्षा अधिकारी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया। यह कार्रवाई राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान ( RMSA) के तहत संचालित बीजापुर और भोपालपटनम में संचालित 11 पोटा केबिन से 3 फर्मों को बिना बिल के 43 लाख रुपए के भुगतान मामले में की गई है।
जानकारी के मुताबिक, नोटिस जारी कर 31 जुलाई तक भुगतान संबंधी जवाब मांगा गया था। लेकिन अधीक्षकों ने जवाब पेश नहीं किया। ऐसे में पुरुषोत्तम चंद्राकर सहायक जिला परियोजना अधिकारी, समग्र शिक्षा (माध्यमिक), बीजापुर को संयुक्त संचालक बस्तर संभाग ने पहले ही निलंबित किया है।
जांच में खुली परतें
बीजापुर, भोपालपटनम, भैरमगढ़ और उसूर के अनुविभागीय अधिकारियों द्वारा कुल 26 उन्नयित पोटा केबिनों की जांच की गई। जिनमें से बीजापुर और भोपालपटनम अनुभाग के 11 पोटा केबिनों में फर्जी भुगतान के सबूत मिले।
जांच में उजागर भुगतान विवरण
बीजापुर ब्लॉक से कृत्विक इंटरप्राइजेस, SB कंस्ट्रक्शन, विमला इंटरप्राइजेस-26,60,715/-भोपालपटनम ब्लॉक से वही तीन फर्म 16,17,760 रुपए, कुल 42,78,475 रुपए भैरमगढ़ और उसूर अनुभाग में बिल संलग्न पाए गए और भुगतान प्रक्रिया संतोषजनक नहीं पाई गई।
जिन पोटा केबिन हॉस्टलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, उसमें भोपालपटनम विकासखंड के 5 और बीजापुर विकासखंड के 6 पोटा केबिनों सहित कुल 11 पोटा केबिनों के 11 अधीक्षक और 11 प्राचार्य शामिल हैं।
ये हैं पोटा केबिन के अधीक्षक प्राचार्य, जिन्हें मिला नोटिस
बीजापुर विकासखंड से 100 सीटर बालिका पोटा केबिन हाई स्कूल छात्रावास बीजापुर, नैमेड, गंगालूर, और 100 सीटर बालक पोटा केबिन हाई स्कूल छात्रावास चिन्नाकोडेपाल, चेरपाल, तोयनार के अधीक्षक और प्रचार शामिल हैं।
भोपालपटनम विकासखंड से 100 सीटर बालिका पोटा केबिन हाईस्कूल छात्रावास संगमपल्ली, 50 सीटर बालिका पोटा केबिन तारलागुडा और 100 सीटर बालक पोटा केबिन हाईस्कूल छात्रावास तारलागुडा, पेगड़ापल्ली और सैंड्रापल्ली के अधीक्षक और प्राचार्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी लखनलाल धनेलिया ने बताया कि 11 अधीक्षकों और 11 प्राचार्यों सहित कुल 22 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जिसमें बीजापुर विकासखंड के 6 अधीक्षक और 6 प्राचार्य और भोपालपटनम विकासखंड के 5 अधीक्षकों और 5 प्राचार्यों शामिल हैं।
पुरुषोत्तम चंद्राकर ने कही ये बाते
भुगतान मामले में पुरुषोत्तम चंद्राकर पूर्व सहायक जिला परियोजना अधिकारी, समग्र शिक्षा (माध्यमिक), बीजापुर को संयुक्त संचालक ने निलंबित किया था। पुरुषोत्तम चंद्राकर ने बताया कि शासन के नियमानुसार भुगतान और छात्रावासों में अधीक्षकों के मांग पत्रों और विद्यार्थियों की आवश्यकता अनुसार कार्य किया गया है। मुझ पर जो कार्रवाई की गई है, वह अनुचित और बिना मेरा पक्ष सुने कार्रवाई की गई है।
जबकि इससे पहले अधीक्षकों के मांग अनुसार पूर्ति नहीं किया जाता था। भुगतान संबंधित पोटा केबिन के अधीक्षकों और प्राचार्यों के डिजिटल सिग्नेचर से हुआ है यह प्रोसेस पिछले सालों से चले आ रहा है। संबंधित फर्मों से बिल भी अधीक्षक प्राचार्यों को मिला है। जिला शिक्षा अधिकारी के आदेशानुसार ही पूरा भुगतान हुआ है।