राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ ब्लॉक के ग्राम मुसरा में सोमवार को एक मौसम मशीन गिरा। यह मशीन रेडियोसोंड है, जो मौसम की जानकारी इकट्ठा करने के काम आता है। मशीन पर अंग्रेजी में “Upper Weather Atmosphere, Meteorological Department” और “South Africa Manufacturing” लिखा हुआ है।
जानकारी के मुताबिक, दोपहर में तेज धमाके की आवाज के साथ यह मशीन जमीन पर गिरा। स्थानीय लोगों ने फौरन पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने मशीन को कब्जे में लिया। साथ ही उच्च अधिकारियों को इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है। विशेषज्ञों की जांच के बाद ही इसकी पूरी जानकारी सामने आएगी।
जानिए मौसम वैज्ञानिकों ने क्या कहा?
इधर, मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि, यह रेडियोसोंड एक बैटरी चालित उपकरण है। इसे हीलियम या हाइड्रोजन गैस से भरे गुब्बारे के साथ हवा में छोड़ा जाता है। यह मशीन ऊपरी वायुमंडल में तापमान, हवा की गति, वायुदाब और आर्द्रता की माप करता है। यह आंकड़े रेडियो सिग्नल के जरिए धरती पर स्थित मौसम केंद्रों को भेजता है।
यह उपकरण पूरी तरह से सुरक्षित है और केवल वैज्ञानिक अध्ययन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। साउथ अफ्रीका की मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी लिखावट बताती है कि यह किसी अंतरराष्ट्रीय शोध परियोजना का हिस्सा हो सकता है।
पहले की घटनाएं
छतरपुर (मध्य प्रदेश, 2021): खेत में ऐसा ही यंत्र गिरा था, जिसे ग्रामीणों ने UFO समझा। बाद में पुष्टि हुई कि यह मौसम विभाग का रेडियोसोंड था।
बीदर (कर्नाटक, जनवरी 2025): जालासंगी गांव में गिरी रहस्यमयी मशीन को लोग पहले अंतरिक्ष यान समझ बैठे। बाद में वैज्ञानिकों ने बताया कि यह टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च की ओक से छोड़ा मौसम अध्ययन उपकरण था।
उत्तर प्रदेश (2020 और 2022): कई गांवों में ऐसे उपकरण गिरने पर अफवाहें फैलीं, लेकिन बाद में प्रशासन ने स्पष्ट किया कि ये मौसम विभाग के रिसर्च उपकरण थे।