मैनपुर के राजाडेरा मटाल जंगल में 36 घंटे की पुलिस नक्सल मुठभेड़, 5.22 करोड़ के इनामी 10 नक्सली ढेर

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भारी बारिश के बीच गरियाबंद पुलिस की ई-30, एसटीएफ एवं कोबरा बटालियन की संयुक्त पार्टी ने चलाया नक्सल उन्मुलन अभियान

एडीजी विवेकानंद सिन्हा व आईजी अमरेश मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी जानकारी

पूरन मेश्राम/मैनपुर – गरियाबंद जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर जिला गरियाबंद के थाना मैनपुर अंतर्गत राजाडेरा-मटाल पहाड़ियों में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच 36 घंटे तक चली मुठभेड़ में नक्सली संगठन को अब तक का सबसे बड़ा नुकसान हुआ है गुरूवार सुबह से आज शुक्रवार सुबह तक चले इस मुठभेड़ में कुल 10 इनामी नक्सली मारे गए जिन पर 5 करोड़ 22 लाख रुपये का इनाम घोषित था जिनमें प्रमुख रूप से मोडेम बालाकृष्णा उर्फ मनोज (सेंट्रल कमेटी सदस्य), प्रमोद उर्फ पंडरन्ना (ओडिशा राज्य कमेटी सदस्य), विमल उर्फ जाडी वेंकट (ओडिशा राज्य कमेटी सदस्य) जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इनके अलावा दो एसीएम (एरिया कमेटी मेंबर) रैंक, दो पीसीएम (प्लाटून/प्रोजेक्ट कमांडर) रैंक और अन्य पार्टी सदस्य भी मारे गए। कुल मृतकों में 06 पुरुष और 04 महिला नक्सली शामिल हैं। गरियाबंद-ओडिशा बॉर्डर के जंगलों में हुई मुठभेड़ अब तक गरियाबंद जिला के नक्सली इतिहास का सबसे बड़ा पड़ाव बन चुकी इस एनकाउंटर में मारे गए 10 खूंखार नक्सलियों पर करोड़ो का ईनाम रखा गया था सुरक्षा एजेंसियां इसे सबसे बड़ी सफलता मान रही हैं। इस मुठभेड़ में सबसे बड़ा नाम सामने आया मनोज बालकृष्णन भास्कर का, जो नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी का सदस्य था। उस पर अकेले ही 1.5 करोड़ रुपए का इनाम था। वहीं, प्रमोद उर्फ पांडु, ओडिशा राज्य कमेटी सदस्य पर 65 लाख रुपए का इनाम था। टेक्निकल टीम संभालने वाला विमल उर्फ मगन्ना भी ढेर हुआ, जिस पर कुल 18 लाख रुपए का इनाम था। इनके अलावा, महिला नक्सली नंदे उर्फ मंजू, रंजीता, अंजलि, सिंधु समेत कई कुख्यात नाम मारे गए, जिन पर लाखों रुपए का इनाम घोषित था।
एडीजी विवेकानंद सिन्हा और आईजी रेंज अमरेश मिश्रा ने प्रेस कान्फ्रेंस मे बताया कि मैनपुर के कुल्हाड़ीघाट क्षेत्र राजाडेरा मटाल पहाड़ी में जो ओडिशा के नुआपाड़ा जिले की सीमा से लगभग 5-10 किलोमीटर अंदर छत्तीसगढ़ मे आता है कुछ नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना मिली जिसके बाद सुबह गरियाबंद पुलिस की ई-30 यूनिट, एसटीएफ, सीएएफ और कोबरा 207 बटालियन ने संयुक्त अभियान चलाया 11 सितम्बर की दोपहर नक्सलियों ने राजाडेरा-मटाल पहाड़ी में सुरक्षाबलों पर घात लगाकर अंधाधुंध फायरिंग की। जवानों ने भी मोर्चा संभालते हुए जवाबी कार्रवाई करते हुए फायरिंग शुरू किया यह मुठभेड़ गुरूवार से लेकर आज शुक्रवार 12 सितम्बर की सुबह 8 बजे तक चलती रही जिसमें कुल 10 ईनामी व कुख्यात नक्सली मारे गए जिन पर 5 करोड़ 22 लाख रुपये का इनाम घोषित था जवानों ने साहस और वीरता का परिचय देते हुए नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। मुठभेड़ खत्म होने के बाद क्षेत्र की सर्चिंग के दौरान 06 पुरुष और 04 महिला नक्सलियों के शव बरामद किए गए। साथ ही एके-47, इंसास, एसएलआर जैसे ग्रेडेड ऑटोमेटिक हथियारों सहित कुल 10 हथियार और भारी मात्रा में नक्सली सामग्री जब्त की गई।
अधिकारियों ने कहा कि यह मुठभेड़ नक्सली संगठन के लिए ऐतिहासिक नुकसान है। यह क्षेत्र माओवादी लीडरशिप वाली पार्टी का गढ़ माना जाता था। चलपति और बालकृष्णन के मारे जाने के बाद अब संगठन में सेंट्रल कमेटी स्तर का कोई बड़ा नक्सली नेता शेष नहीं है। इसका असर न केवल गरियाबंद बल्कि धमतरी और ओडिशा के नक्सल प्रभावित इलाकों पर भी व्यापक रूप से पड़ेगा। आईजी अमरेश मिश्रा ने कहा कि बड़े कैडर और शीर्ष नेतृत्व के मारे जाने से नक्सलियों की रीढ़ टूट चुकी है और उनकी गतिविधियों पर निर्णायक असर पड़ेगा। सर्चिंग के दौरान मौके से 10 नक्सलियों के शव बरामद किए गए सुरक्षाबलों ने घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक जब्त किए हैं।