छत्तीसगढ़ आर्म्स फोर्ड (CAF) के लिए 2018 में 1786 पदों पर भर्ती निकाली गई थी। इनमें लगभग 417 कैंडिडेट वेटिंग लिस्ट में थे। जिन्हें 7 साल बाद भी नौकरी नहीं मिल पाई है। जबकि CAF में 3 हजार से ज्यादा पोस्ट खाली हैं। 7 साल से ये लोग दफ्तरों और मंत्री बंगलों के चक्कर काट रहे हैं।
कैंडिडेट्स केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखकर अपने हालात बता चुके हैं। कुछ दिन पहले मीडिया पर यहां तक कह दिया था कि नक्सली होते तो ज्यादा बेहतर होता। घर वापसी पर नौकरी भी मिलती और करियर भी संवर जाता। इसके बाद प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा से आश्वासन मिला कि जल्दी ही वो कुछ करेंगे। लेकिन कुछ नहीं हुआ।
सोमवार को अलग-अलग जिलों से कैंडिडेट गृहमंत्री विजय शर्मा के बंगले पहुंचे। गृहमंत्री ने समस्या सुनी और कहा कि आप गलत जगह आएं हैं। आप लोगों को कोर्ट जाना चाहिए। कोर्ट का जो भी फैसला होगा, उस हिसाब से सरकार फैसला करेगी। इस पूरे मामले पर अपनी तरफ से वे कुछ नहीं कर सकते।
कैंडिडेट्स ने बताया कि घर चलाने के लिए मजदूरी करनी पड़ रही है। एक ने कहा कि अब खेती कर रहा हूं। वहीं 417 में 50% कैंडिडेट्स ओवरएज हो चुके हैं।
नौकरी की तलाश में भटक रहे
अब इन कैंडिडेट्स को कुछ समझ नहीं आ रहा क्या करें। भास्कर ने कैंडिडेट्स से बात की। इनका कहना है जिस सरकार से उम्मीद थी, उन्होंने भी हमें और हमारी उम्मीदों को दरकिनार कर दिया। इनमें से कई ऐसे हैं, जो अब खेती कर रहे हैं। कुछ मजदूरी कर रहे हैं और कुछ नौकरी की तलाश में एक शहर से दूसरे शहर भटक रहे हैं।
2 साल तैयारी, अब खेती कर रहे
सोमवार को गृहमंत्री शर्मा से मिलने पहुंचे सक्ती के सुजीत ने कहा कि इस नौकरी से बहुत उम्मीद थी। मेरिट लिस्ट में नाम नहीं आया तो टूट गया था। वेटिंग लिस्ट क्लियर हाेने के बाद नौकरी मिलने की उम्मीद थी। लेकिन वो भी नहीं हुआ। नौकरी मांगने हर जिम्मेदार के दरवाजे पर पहुंचे।