प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पिछले पौने दो साल में छत्तीसगढ़ से करीब 5 लाख गौवंश गायब हो गए

Chhattisgarh Crimesप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पिछले पौने दो साल में छत्तीसगढ़ से करीब 5 लाख गौवंश गायब हो गए हैं। लगभग 2500 गायें भूख, हादसे और जहरीला पदार्थ खाने से मारी गईं। बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को समौदा, कल्लू और खरोरा जाकर गायों की स्थिति जायजा लेना चाहिए।

बैज ने कहा कि, भाजपा राज में गायों को यूपी और महाराष्ट्र के स्लॉटर हाउस भेजा जा रहा है। भाजपा खुद को गौ-रक्षक बताती है, लेकिन मोदी सरकार के समय भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बीफ निर्यातक बन गया है। जिससे हर साल 4.3 अरब डॉलर कमाए जा रहे हैं। बैज ने रायपुर के राजीव भवन में सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह बातें कहीं।

वहीं इस पर रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, पहले कांग्रेस पार्टी अपने नेताओं को जो मार रही है, उसकी जांच कर ले। कांग्रेस ने गौठानों के नाम से लूट मचाई और भ्रष्टाचार किया। अब विष्णुदेव साय की सरकार नीति बना रही है। उस नीति के आधार पर गायों का संरक्षण किया जाएगा।

गायब 5 लाख गौवंश पर सरकार स्पष्टीकरण दे

दीपक बैज ने कहा कि, भाजपा सरकार ने कांग्रेस सरकार की गौठान और गोबर खरीदी योजना बंद कर दी। जिससे चारे-पानी के अभाव में बड़ी संख्या में गौवंश की मौत हो रही है। कांग्रेस ने सरकार से मांग की है कि, प्रदेश से गायब 5 लाख गौवंश पर सरकार स्पष्टीकरण दे। 2023 के पहले के सभी 10,800 गौठान फिर से शुरू की जाए। गौठानों में चारे-पानी की सुरक्षित व्यवस्था की जाए।

3 दिनों में प्रदेश में 40 से अधिक गायों की मौत के मामले सामने आए है। कांग्रेस ने अभी तक गायों की मौत को लेकर कमेटियां बनाई है। उनकी रिपोर्ट और कार्यकर्ताओं के माध्यम से गांव वालों से चर्चा कर जानकारी एकत्रित की वह बहुत ही चौंकाने वाली है।

दो साल में गांवों और शहरों में पशुओं की संख्या 40 फीसदी तक घट गई है। प्रदेश में करीब 850 गाय सड़क हादसों में कुचली गईं। 1200 से अधिक भूख से मर गईं। 200 से ज्यादा जहरीला पदार्थ खाने से जान गंवा बैठीं।

गो-अभ्यारण्य और गौ-धाम बनाने की घोषणा सिर्फ दिखावा

पीसीसी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि, भाजपा शासन में गौ-अभ्यारण्य और गौ-धाम बनाने की घोषणा सिर्फ दिखावा है। जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हुआ। हर पशु प्रतिदिन 10 रुपए चारा मद का प्रावधान किया गया, लेकिन उससे कोई व्यवस्था संभव नहीं है।