छत्तीसगढ़ के 45 लाख वाहनों में अब तक नहीं लगी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट.

Chhattisgarh Crimesरायपुर। छत्तीसगढ़ में वाहन मालिकों की सुरक्षा के लिए हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) लगाने का काम बेहद धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। परिवहन विभाग को 52 लाख से ज्यादा पंजीकृत वाहनों में एचएसआरपी लगानी थी, लेकिन 10 महीनों में सिर्फ 20 प्रतिशत यानी 7.45 लाख वाहनों में ही प्लेट लगाई जा सकी है। अब भी करीब 45 लाख वाहन बिना एचएसआरपी के सड़कों पर दौड़ रहे हैं। तय समय सीमा से पिछड़ रहा विभाग

सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रही इस प्रक्रिया को एक अप्रैल 2025 तक पूरा करना था। लेकिन टेंडर प्रक्रिया में देरी और धीमी रफ्तार की वजह से लक्ष्य हासिल नहीं हो पाया। फिलहाल 3.40 लाख नंबर प्लेट बनाने का ऑर्डर दिया गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ‘यह वाहन मालिकों की सुरक्षा के लिए जरूरी है, इसलिए जल्द से जल्द सभी वाहन चालकों को एचएसआरपी लगवा लेनी चाहिए।’

 

चालान कार्रवाई टली

परिवहन विभाग और राज्य पुलिस ने 1 अक्टूबर से बिना एचएसआरपी वाले वाहनों पर 1,000 रुपये का चालान काटने की तैयारी की थी। लेकिन लगने की धीमी गति को देखते हुए फिलहाल इस तिथि को आगे बढ़ा दिया गया है। जिलों की स्थिति

रायपुर – 13.34 लाख पंजीकृत वाहनों में से सिर्फ 2.36 लाख में एचएसआरपी लगी (23.4%)

 

दुर्ग – 19.18%

 

बिलासपुर – 18.45%

 

बालोद – 29.41%

 

गौरेला-पेंड्रा मरवाही – सबसे आगे, 58.14% वाहनों में प्लेट लग चुकी है। जागरूकता अभियान से बढ़े आवेदन

आरटीओ और यातायात पुलिस की संयुक्त टीम ने पिछले दो महीनों तक अभियान चलाकर सड़क पर वाहनों को रोककर फार्म भरवाए।

 

जागरूकता अभियान का असर यह हुआ कि बड़ी संख्या में वाहन मालिक चालानी कार्रवाई से बचने के लिए आवेदन कर रहे हैं। सिर्फ रायपुर जिले में ही लगभग एक लाख वाहन मालिकों ने एचएसआरपी के लिए आवेदन किया है। पुराने वाहन भी बड़ी चुनौती

प्रदेश में 15 साल से ज्यादा पुराने 6,000 से अधिक वाहन पंजीकृत हैं। इनमें 1,200 दोपहिया, 3,000 चारपहिया और 1,800 मालवाहक वाहन शामिल हैं। इनमें से कई अब भी बिना एचएसआरपी और कुछ बिना पंजीकरण के सड़कों पर चल रहे हैं।