मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में एक मां ने हाथी के हमले से अपनी 2 बेटियों को तो बचा लिया लेकिन उसकी खुद की जान चली गई

Chhattisgarh Crimesमनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में एक मां ने हाथी के हमले से अपनी 2 बेटियों को तो बचा लिया लेकिन उसकी खुद की जान चली गई। ढाब इलाके में इतवरिया बाई का कच्चा मकान है। जहां 6 अक्टूबर की रात सभी सो रहे थे, तभी जंगली हाथी ने उनके घर पर हमला कर दिया। घटना जनकपुर पार्क परिक्षेत्र की है। हाथी घर को पूरी तरह से तोड़ने के बाद अंदर घुसने ही वाला था कि मां अपने दोनों बच्चों को लेकर बाहर भागी, तभी हाथी ने हमला किया, जिससे वह गिर गई लेकिन उसने बच्चों को दूर फेंक दिया। जिसके बाद हाथी ने महिला को कुचल दिया। ये है पूरा घटनाक्रम

 

जानकारी के मुताबिक, मृतक महिला की पहचान इतवरिया के रूप में हुई है। वह अपनी चार साल की बेटी जानकी और दो साल की बेटी रामकली के साथ घर में सो रही थी। रात में अचानक एक जंगली हाथी ने घर पर हमला कर दिया।

 

हाथी के घर में घुसने पर इतवरिया ने तुरंत बच्चों को गोद में उठाया और उन्हें बचाने की कोशिश की। वह घर से बाहर भागी, लेकिन हाथी ने उस पर हमला कर दिया।

 

हमले के दौरान महिला ने अपनी दोनों बच्चियों को दूर फेंककर उनकी जान बचा ली, लेकिन खुद को नहीं बचा सकी। घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। बड़ी बेटी का पैर फ्रैक्चर

 

दोनों बच्चियों को जनकपुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बड़ी बेटी जानकी का पैर फ्रैक्चर हो गया है। घटना के समय महिला का पति हरिसिंह और उसका बड़ा बेटा घर पर नहीं थे।

 

यह घटना मानव-वन्यजीव संघर्ष की एक और मिसाल है, जो क्षेत्र में लगातार चिंता का विषय बनी हुई है। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग द्वारा हाथी के मूवमेंट को लेकर गांववासियों को कोई जानकारी नहीं दी जाती है।