छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में भूमिगत सीवरेज प्रोजेक्ट के साथ ही अरपा बैराज और स्मार्ट सिटी के रिवर व्यू प्रोजेक्ट जैसे करोड़ों के काम में अफसरों ने सारे नियमों को ताक पर रखकर काम किया और जमकर मनमानी भी की।
5 साल में पहले विधानसभा सत्र में कई बार सवाल उठाए गए। लेकिन, हर बार अफसर सदन को गुमराह करते रहे। इन परियोजनाओं का जमीनी हकीकत जानने के लिए सरकारी आश्वासन समिति ने स्थल का निरीक्षण किया, जिसमें सीवरेज परियोजना में गंभीर अनियमितताएं और कार्य की निम्न गुणवत्ता सामने आई।
समिति की निरीक्षण में पता चला कि 17 साल से अधूरे सीवरेज प्रोजेक्ट का काम 210.25 करोड़ रुपए में पूरा होना था। लेकिन, इसकी लागत अब 429 करोड़ तक पहुंच गया है। फिर भी काम पूरा नहीं हो सका है। वहीं, समिति के सदस्यों ने ये भी देखा कि अरपा में नालों का गंदा पानी और सिम्स हॉस्पिटल का वेस्ट मटेरियल बहाया जा रहा है।
करोड़ों के प्रोजेक्ट्स का हाल देखने पहुंची समिति
दरअसल, 17 साल पहले शुरू हुए सीवरेज प्रोजेक्ट को लेकर साल 2020 से लेकर कई बार विधानसभा में सवाल उठाए गए। इसमें अरपा नदी के संरक्षण और संवर्धन को लेकर भी प्रश्न किया गया। जिसमें अरपा बैराज के साथ ही स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत अरपा रिवर व्यू रोड जैसे करोड़ों के प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।
लेकिन, अफसरों ने सदन को निर्माण पूर्ण होने, अनियमितता के लिए दोषी अफसरों पर कार्रवाई करने जैसे गोलमोल जवाब देकर गुमराह करने का काम किया। अफसरों के विधानसभा में दिए गए जवाबों की जमीनी हकीकत जानने के लिए राज्य सरकार ने सरकारी आश्वासन समिति बनाई है।
यह समिति गुरुवार (9 अक्टूबर) को स्थल निरीक्षण करने के लिए बिलासपुर पहुंची। इस निरीक्षण के दौरान रिवर व्यू, पचरी घाट, दोमुहानी, देवरी खुर्द सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, राजकिशोर नगर स्थित पम्पिंग स्टेशन, सरकंडा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और कोनी स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया।
निरीक्षण में ये भी पता चला है कि अरपा बैराज और रिवर व्यू फ्रंट योजना के तहत शहर का गंदा पानी अरपा नदी में बहाया जा रहा है, जिससे अरपा नदी प्रदूषित हो रही है। इन तमाम गड़बड़ियों को समिति ने बारीकी से देखा। साथ ही अधिकारियों को जिम्मेदारी तय कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
समिति ने अधिकारियों को जिम्मेदारी तय कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। अब समिति अपनी रिपोर्ट विधानसभा में पेश करेगी।
नियमों को दरकिनार कर बनाया प्लान
समिति ने सभी जगहों का निरीक्षण किया, जिसमें कार्य में अनियमितता और गुणवत्ता को देखकर नाराजगी जताई। अफसरों ने बिना किसी ले-आउट के प्रोजेक्ट का प्लान तैयार किया है।
इसमें रिवर व्यू रोड बनाने के साथ ही शहर के नालों का पानी रोकने के लिए रिवर व्यू रोड में नाला बनाने का जिक्र किया है। लेकिन, नाले का निर्माण ही नहीं किया गया है। सिम्स अस्पताल के मेडिकल वेस्ट को अरपा नदी में छोड़ा जा रहा है। ऐसे में समिति ने सवाल किया तो अफसर मुंह ताकने लगे।
एक भी काम पूरा नहीं, अरपा बैराज पर भी गोलमोल जवाब
समिति ने यहां सीवरेज प्रोजेक्ट के साथ ही अरपा बैराज और अरपा संवर्धन के कार्यों की जानकारी ली, तब पता चला कि कोई भी काम पूरा नहीं हुआ है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत रिवर व्यू रोड बनाया गया है। लेकिन, इन सड़कों पर न तो एंट्री है और न ही एग्जिट है।
समिति ने देखा कि, किस तरह नाले का प्रदूषित पानी नदी में छोड़ा जा रहा है। यहां नाला निर्माण अधूरा है। इसी तरह ट्रीटमेंट प्लांट का भी उपयोग नहीं हो रहा है। भूमिगत सीवरेज योजना भी अधूरी है। समिति ने अफसरों से सवाल किया तो वो गोलमोल जवाब देकर बहानेबाजी करते रहे।