 छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में पति ने अपनी दूसरी पत्नी को गला दबाकर मार डाला। पत्नी उसके साथ नहीं रहना चाहती थी, वह घर छोड़कर जा रही थी। जिसके बाद गुस्से में आकर उसने गला दबा दिया, दम घुटने से महिला की मौत हो गई। मामला चक्रधर नगर थाना क्षेत्र का है।
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में पति ने अपनी दूसरी पत्नी को गला दबाकर मार डाला। पत्नी उसके साथ नहीं रहना चाहती थी, वह घर छोड़कर जा रही थी। जिसके बाद गुस्से में आकर उसने गला दबा दिया, दम घुटने से महिला की मौत हो गई। मामला चक्रधर नगर थाना क्षेत्र का है।
घटना साल 2022 की है। 3 साल बाद कोर्ट ने आरोपी पति को उम्रकैद की सजा सुनाई है। आरोपी कोलाईबहाल का रहने वाला था। उसने दूसरी शादी की थी। लेकिन विवाद के बाद उसने पत्नी की जान ले ली।
घर छोड़कर जा रही थी पत्नी, इसलिए आया गुस्सा
पुलिस के मुताबिक, शंकर चौहान ने थाने में सूचना देते हुए बताया कि 11 अगस्त 2022 की शाम साढ़े 6 बजे गांव में हल्ला हुआ कि इंदिरा आवास मोहल्ला में रहने वाला अभिषेक चौहान (22 साल) अपनी दूसरी पत्नी सोनी सिदार का अपने ही घर में हत्या कर दिया है।
इस सूचना के बाद जब व मौके पर पहुंचा तो देखा कि सोनी सिदार का शव पड़ा हुआ था। सिर के पीछे तरफ से खून निकल रहा था। इस दौरान अभिषेक चौहान से पूछने पर बताया कि सोनी सिदार उसके साथ नहीं रहूंगी कहकर घर से भाग रही थी। जिसके बाद गुस्से में आकर उसने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
दम घुटने से हुई मौत
जिसके बाद आरोपी के भाई शंकर चौहान ने अगले दिन चक्रधर नगर थाना पहुंचकर पुलिस को मामले की जानकारी दी। घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची।
पुलिस ने मृतका के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा। जहां पीएम उपरांत डॉक्टरों ने बताया कि मुंह, नाक और छाती में दबाव के कारण दम घुटने से महिला की मौत हुई है।
दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद दोषी पाया गया
पुलिस ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ धारा 302 के तहत अपराध पंजीबद्ध करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया था।
यह मामला द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश जितेन्द्र कुमार ठाकुर की अदालत में पहुंचा। जहां दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने इस मामले में आरोपी अभिषेक चौहान को हत्या का दोषी करार दिया गया।
आजीवन कारावास की सजा
मामले में अभिषेक चौहान को आजीवन कारावास और एक हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है। निर्णय में अर्थदण्ड न पटाने पर 6 महीने का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतने की व्यवस्था दी गई है। इस मामले में शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक मोहन सिंह ठाकुर ने पैरवी की।