छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में मंगलवार को कोरबा पैसेंजर ट्रेन और एक मालगाड़ी के बीच जोरदार टक्कर हुई

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ के बिलासपुर में मंगलवार को कोरबा पैसेंजर ट्रेन और एक मालगाड़ी के बीच जोरदार टक्कर हुई। बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने 11 लोगों की मौत की पुष्टि की है। वहीं 20 लोग घायल हैं। इनमें बच्चे, महिलाएं शामिल हैं। हादसा गतौरा रेलवे स्टेशन के लाल खदान के पास हुआ है।

CPRO विपुल कुमार ने बताया कि घायल यात्रियों का इलाज रेलवे अस्पताल, सिम्स और अपोलो में जारी है। रेस्क्यू टीम ने कई यात्रियों को बोगी से सुरक्षित निकाला। पैसेंजर ट्रेन की बोगी को गैस कटर से भी काटा गया है। बोगी में फंसे 2 लोग भी निकाला गया।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे की जानकारी ली है। मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए और गंभीर घायलों को 5 लाख रुपए का मुआवजा घोषित किया है। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार की आर्थिक सहायता राशि देने का ऐलान किया है।

वहीं कोरबा से बिलासपुर रूट पर ट्रेनों का संचालन ठप कर दिया गया है। आजाद हिंद एक्सप्रेस, हीराकुंड एक्सप्रेस, बिलासपुर-टाटा एक्सप्रेस, अमरकंटक एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों का समय 4-5 घंटे देरी से चल रहा है

11 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन, ट्रैक सुधारने में जुटी टीम

हादसे के बाद करीब 11 घंटे तक रेलवे, जिला प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्य में लगी रही। इस दौरान एक-एक कर बोगी में फंसे मृतकों और घायल यात्रियों को बाहर निकाला।

इस दौरान रेलवे के सुरक्षा और टेक्निकल विभाग की टीम रेलवे ट्रैक को सुधारने में लगे रहे। शाम करीब सात बजे से ही रेलवे ने एक ट्रैक पर परिचालन शुरू कर दिया था। जबकि, मिडिल लाइन को भी देर रात चालू कर लिया गया।

जिसके बाद जिस ट्रैक पर हादसा हुआ था और जहां क्रेन यान की मदद से बचाव कार्य चल रहा था। उसे सुबह 4 बजे तक दुरुस्त करने का काम चलता रहा। रेलवे अफसरों ने बताया कि सुबह तक सभी लाइन पर ट्रेनों का परिचालन शुरू होने की उम्मीद है।

ट्रेन की बोगी में फंसे तीन शव को रात 2.30 बजे निकाला

मालगाड़ी को टक्कर मारने के बाद मेमू लोकल के इंजन और उससे लगा हुआ महिला आरक्षित बोगी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। इस दौरान अंदर फंसे लोगों को निकालने के लिए बोगी और सीट को कटर से काटना पड़ा। रात करीब 10 बजे तक 8 शव निकाल लिए गए थे। जबकि, एक घायल ने रेलवे अस्पताल में दम तोड़ दिया।

वहीं, तीन यात्री बोगी में फंसे हुए थे, जिन्हें निकालना मुश्किल हो रहा था। लिहाजा, देर रात तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान ट्रेन की बोगी को क्रेन की मदद से रेलवे साइड पर लाया गया, जिसके बाद क्रेन और कटर की मदद से ही बोगी की खिड़कियों और सीटों को अलग किया गया।

तब जाकर करीब 10 घंटे बाद रात 2.30 बजे तीन शवों को बाहर निकाला गया। इनमें एक शव की पहचान सक्ती जिले के जैजैपुर के ग्राम बहेराडीह की रहने वाली छात्रा प्रिया चंद्रा के रूप में हुई। प्रिया गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में बायो टेक्नोलॉजी विभाग में बीएसएसी की पढ़ाई कर रही थी।

अब जानिए कैसे हुआ हादसा ?

दरअसल, तेज रफ्तार कोरबा पैसेंजर ट्रेन कोरबा से बिलासपुर जा रही थी। करीब 77 किलोमीटर की दूरी तय कर ली थी। बिलासपुर पहुंचने के लिए 8 किलोमीटर तय करना बाकी था। 4 बजे के आसपास कोरबा पैसेंजर ट्रेन गतौरा रेलवे स्टेशन के लाल खदान के पहुंची।

इसी बीच जिस रूट से पैसेंजर ट्रेन की गुजरने वाली थी, उसी रूट पर एक मालगाड़ी खड़ी थी। तेज रफ्तार से बिलासपुर की ओर बढ़ रही पैसेंजर ट्रेन ने टक्कर मार दी। हादसा इतना भयंकर था कि पैसेंजर ट्रेन का इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया।

हादसे के बाद यात्रियों को निकाला गया बोगी से बाहर

इस दौरान हादसे में 11 लोगों की मौत हुई है, जबकि 20 लोग घायल हैं। इनमें 5 लोग बिलासपुर की रहने वाले हैं, जबकि बाकी यात्री रायपुर और जांजगीर-चांपा के रहने वाले हैं। वहीं मृतकों की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है। मरने वालों की जानकारी जुटाई जा रही है।

रेलवे के मुताबिक घायलों को बिलासपुर के रहने वाले 5 को सिम्स अस्पताल, 2 लोगों को अपोलो हॉस्पिटल और बाकी 6 लोगों को रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से कई लोगों की हालत गंभीर है।हालांकि इनके अलावा कई लोगों को छुट्टी मिल चुकी है।

प्रत्यक्षदर्शी ने बताया- हादसे में कई लोग घायल

तखतपुर के यात्री देवकुमार धुरी ने बताया कि कोटमीसुनार से बिलासपुर जाने के लिए आ रहा था। इसी बीच अचानक से ट्रेन में धक्का लगा। बाहर झांककर देखा तो पता चला कि इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया था। आनन-फानन में अपने सामान लेकर हम लोग नीचे कूद गए।

इस दौरान बोगी में फंसे लोगों को बाहर निकलने में मदद की। हम अपने घर जाने के लिए अब दूसरी व्यवस्था देख रहे हैं। हादसे में कई लोग घायल हुए हैं। मौके पर चीख-पुकार मच गई थी। कुछ देर बाद रेलवे के अधिकारी और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। लोगों को बाहर निकाला गया