छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में झाड़ियों के बीच एक युवक की जली हुई लाश मिली

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ के बिलासपुर में झाड़ियों के बीच एक युवक की जली हुई लाश मिली है। 8 नवंबर की सुबह मिले शव का अधिकांश हिस्सा जलने के कारण उसकी पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस को शक है कि युवक की हत्या कर साक्ष्य और पहचान मिटाने के लिए लाश को जला दिया गया होगा।

मौके पर मिले हाथ-पैर के अवशेष और कपड़े के टुकड़ों के आधार पर पुलिस आसपास के लोगों से पूछताछ कर पहचान की कोशिश कर रही है। घटना सिरगिट्‌टी थाना क्षेत्र की है। पुलिस के मुताबिक, शव जलाने के लिए स्पिरिट जैसे ज्वलनशील केमिकल का इस्तेमाल किया गया है, क्योंकि शव 80% तक जला हुआ था।

80% तक जला शव

तिफरा के मन्नाडोल जाने वाली पगडंडी के किनारे झाड़ियों के बीच यह अधजली लाश मिली। मोहल्ले के लोगों ने शव को देखकर घटना की जानकारी पुलिस को दी।

पुलिस ने मौके पर लोगों से पूछताछ की, लेकिन शव की पहचान से जुड़ी कोई जानकारी नहीं मिली। शरीर 80% तक जल जाने से न दाग मिले, न निशान, न हुलिया की पहचान हो सकी।

दो दिन पुरानी हो सकती है लाश

फोरेंसिक टीम को भी वहां संघर्ष या पैरों के निशान जैसे सबूत नहीं मिले। थाना प्रभारी किशोर केंवट ने बताया कि मन्नाडोल के लोग इस पगडंडी और झाड़ियों वाले इलाके से कम ही गुजरते हैं।

केवल कुछ लोग शौच के लिए जाते हैं। मृतक की उम्र लगभग 25 से 35 वर्ष है। शव लगभग दो दिन पुराना माना जा रहा है। पुलिस मर्ग कायम कर आसपास के क्षेत्रों में दर्ज मिसिंग रिपोर्ट को क्रॉस-चेक कर रही है।

भागने के कई रास्ते, रूट पर कैमरे भी कम

घटनास्थल से बाहर निकलने के कई रास्ते हैं। पक्की सड़क के किनारे कुछ ही भवनों में कैमरे लगे हैं। इसलिए यह मामला पुलिस के लिए चुनौती बन गया है।

सूचना के बाद पुलिस की एक टीम संभावित रूटों के सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही है, लेकिन देर शाम तक कैमरों से कोई खास सुराग नहीं मिला।

शव को जलाने में स्पिरिट जैसे केमिकल का इस्तेमाल

शव लगभग पूरी तरह जल चुका है। आमतौर पर पेट्रोल, डीजल या मिट्टी तेल से जलाने पर शव अधजला मिलता है। इस वजह से पुलिस और फोरेंसिक टीम का अनुमान है कि शव जलाने के लिए स्पिरिट जैसे ज्वलनशील केमिकल का इस्तेमाल किया गया होगा। हालांकि इसकी पुष्टि जांच के बाद ही होगी।