छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में ज्वेलरी शॉप में 50 लाख रुपए से अधिक की चोरी के एक आरोपी की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ के बलरामपुर में ज्वेलरी शॉप में 50 लाख रुपए से अधिक की चोरी के एक आरोपी की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने युवक को पीट-पीटकर मार डाला। मामला बतौली थाना क्षेत्र का है। पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया है, जिसके कारण तनाव की स्थिति बनी हुई है। परिजनों ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और दोबारा पोस्टमॉर्टम की मांग की है।

 

परिजनों ने थाने के सामने सड़क पर धरना देने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। इस मामले में सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो ने कहा कि वे परिजनों के संपर्क में हैं। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पोस्टमॉर्टम कराने का निर्देश दिया गया है। मामले में दोषियों पर जांच के बाद उचित कार्रवाई होगी। जानिए क्या है पूरा मामला?

 

दरअसल, बलरामपुर के धनंजय ज्वेलर्स से 30-31 अक्टूबर की दरमियानी रात 3.50 लाख रुपए कैश और 50 लाख रुपए से अधिक के जेवरात चोरी हो गए थे। चोरी के आरोप में सीतापुर इलाके के 9 आरोपियों को पकड़ा था।

 

6 जून को बतौली थाना क्षेत्र के गांव बैलकोटा से पकड़े गए उमेश सिंह (19) की पुलिस हिरासत में रविवार को मौत हो गई। मृतक के परिजनों ने पुलिस पर पीट-पीटकर मार डालने का आरोप लगाया है।

 

परिजनों ने कहा- कोई बीमारी नहीं थी, मार डाला

 

परिजनों के आरोपों को खारिज करते हुए एएसपी विश्व दीपक त्रिपाठी ने दावा किया कि उमेश सिंह पहले से बीमार था। 9 नवंबर की सुबह करीब 4.20 पर तबीयत बिगड़ने पर उसे हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

 

परिजनों ने पुलिस के दावों को झूठा बताते हुए कहा कि उमेश सिंह को पहले से कोई बीमारी नहीं थी। 6 नवंबर को सादी वर्दी में पहुंचे लोगों ने उमेश सिंह को पकड़ा था और उसी समय बेदम मारा था। उसके नाक-मुंह से खून निकल रहा था। उसे क्राइम ब्रांच के जवान जो सादी वर्दी में थे, मारते हुए बलरामपुर लेकर गए थे। पुलिस कस्टडी में मारपीट के कारण उमेश की जान गई है। रविवार शाम पुलिस ने युवक के शव का पोस्टमॉर्टम कराया। इस दौरान युवक की मां और बहन ही बलरामपुर में थे।

 

उन्होंने घर के अन्य सदस्यों के आने के बाद ही शव का पोस्टमॉर्टम कराने की बात की, लेकिन पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। शव ले जाने से इनकार

 

जिला अस्पताल में युवक के शव का पोस्टमॉर्टम करने के बाद पुलिस ने शव को बतौली भेजने के लिए शव वाहन में रखवा दिया। परिजनों ने शव को ले जाने से इनकार कर दिया। रातभर शव जिला अस्पताल की मॉर्च्युरी में पड़ा रहा।

 

FIR और दोबारा पोस्टमॉर्टम की मांग

 

सुबह रिश्तेदार भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने एफआईआर दर्ज करने और दोबारा पोस्टमॉर्टम की मांग की। इसी दौरान पुलिस ने परिजनों को अस्पताल परिसर में रोक दिया और शव को एम्बुलेंस से बतौली भेज दिया।

 

इस कार्रवाई से नाराज परिजनों ने बलरामपुर थाने के सामने सड़क पर धरना देने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें लाठियां भांजकर खदेड़ दिया। इसके बाद परिजनों को समझाइश देकर घर भेज दिया गया।

 

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शव को एम्बुलेंस से गांव भेजा गया है। परिजन उस समय गांव में मौजूद नहीं थे, लेकिन रिश्तेदार, सरपंच और सचिव वहां मौजूद हैं। परिजन बाद में वापस अपने घर लौट गए। अपर कलेक्टर बोले- न्यायिक जांच जारी

 

अपर कलेक्टर आरएस लाल ने बताया कि मामला कस्टोडियल डेथ का है। जिला न्यायाधीश (डीजे) के निर्देश पर न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं। जज की उपस्थिति में पोस्टमॉर्टम कराया गया और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की गई। इस दौरान परिजन और जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे।

 

उन्होंने बताया कि परिजनों की जिद एफआईआर पहले दर्ज करने की थी, लेकिन नियमानुसार जांच पूरी होने के बाद ही कार्रवाई संभव है। परिजनों को समझाइश देकर शव गांव भेजा गया और जांच निष्पक्षता से जारी है।